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पटना। शराबबंदी वाले राज्य बिहार के सारण जिले में हाल ही में कथित तौर पर जहरीली शराब से हुई 70 से अधिक लोगों के मौत के मामले में अब मुआवजे को लेकर सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर है। वह मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग कर रही। वहीं सत्ता पक्ष इस मसले पर बैकफुट पर नजर आ रहा है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सारण (छपरा) जहरीली शराब कांड के मृतक परिवारों को मुआवजा देने से इन्कार नहीं कर सकते।
उन्होने कहा कि बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 में ऐसे मामलों में चार-चार लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो भाजपा इसके लिए अदालत की शरण भी ले सकती है। 2016 में गोपालगंज के खजुरबन्नी में जब मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जा सकता है तो सारण जिले में क्यों नहीं। उधर, जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यदि कोई बम बनाते वक्त बम विस्फोट में मारा जाए तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की नही होगी।
उन्होंने विपक्ष की मांग को नजरअंदाज करते हुए कहा कि विपक्ष का काम विरोध भर करना है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि विपक्ष को समझना चाहिए वह किस चीज के लिए मांग कर रहा है। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने छपरा में जहरीली शराब से मौत पर मुआवजे को लेकर कहा कि हमलोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में बात करेंगे। मुखमंत्री संवेदनशील आदमी हैं।