नीतिगत दरों में आधी फीसदी की वृद्धि; अब बढ़ जाएंगी घर और कार की किस्तें

मुंबई। बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नीतिगत दरों में आज आधी फीसदी की बढोतरी करने का निर्णय लिया, जिससे घर, कार और अन्य प्रकार के ऋण महंगे हो जाएंगे। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गये निर्णय की जानकारी देते हुये कहा कि देश में वैश्विक कारकों से महंगाई में बढोतरी हो रही है। इस वर्ष जून में लगातार छठे महीने में खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के लक्ष्य छह प्रतिशत से ऊपर बनी रही है। विकास को गति देने तथा महंगाई को काबू में करने के उद्देश्य से नीतिगत दरों में आधी फीसद की बढ़ोतरी की गयी है।

उन्होंने कहा कि इस बढ़ाेतरी के बाद रेपो दर 4.90 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत बढ़कर 5.40 प्रतिशत पर, सटैडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी दर (एसडीएफ) 4.65 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत बढ़कर 5.15 प्रतिशत, बैंक दर 5.15 प्रतिशत से बढ़कर 5.65 प्रतिशत पर तथा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) 5.65 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। उन्होंने कहा कि इस बढोतरी से खुदरा महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिलने की उम्मीद है और महंगाई को मध्यावधि में छह प्रतिशत के लक्षित दायरे में लाया जा सकेगा।

चालू वित्त वर्ष में अबतक 4.7 प्रतिशत गिरा रुपया: रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से अबतक दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की आठ प्रतिशत की तेजी के दबाव में रुपया 4.7 प्रतिशत तक गिरा है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद शुक्रवार को गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से 04 अगस्त तक दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में आठ प्रतिशत की तेजी रही है। इससे डॉलर के मुकाबले रुपये में 4.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि इस अवधि में रुपया अपेक्षाकृत व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ा है।

साथ ही कई अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में वह काफी बेहतर स्थिति में है। रुपये में गिरावट देश की अर्थव्यवस्था के व्यापक आर्थिक मूल सिद्धांतों में कमजोरी के बजाय अमेरिकी डॉलर में तेजी के कारण अधिक है। साथ ही रिजर्व बैंक के बाजार में हस्तक्षेप से रुपये की अस्थिरता को नियंत्रित करने और उसकी व्यवस्थित गति सुनिश्चित करने में मदद मिली है। रुपये के उतार-चढ़ाव को लेकर हम सतर्क हैं और उसकी स्थिरता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”

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