बिहार में शराब माफियाओं, संरक्षकों की अवैध संपत्ति पर भी पुलिस की पैनी नजर

पटना : बिहार में शराबबंदी कानून को कड़ाई से पालन कराने के लिए सरकार अब कमर कस रही है। शराबबंदी के बीच कथित तौर पर शराब पीने से हुई मौत की घटनाओं को लेकर तमाम आलोचनाओं के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को इस मामले में उचचस्तरीय समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए यह स्पष्ट संकेत दे दिया कि वे शराबबंदी को किसी भी हाल में वापस नहीं लेने वाले हैं। इधर, सरकार अब शराब तस्करों और शराब माफियाओं के अलावा ऐसे लोगों पर भी पैनी नजर रखेगी जिन्होंने शराब के जरिए अवैध संपत्ति बनाई है।

पुलिस मुख्यालय सूत्रों का कहना है कि खास व्यक्ति से लेकर वैसे अधिकारी और कर्मचारी जो शराब माफियाओं के साथ सांठगांठ कर मोटी कमाई कर रहे हैं, उनकी संपत्ति की भी जांच होगी। सूत्रों का दावा है कि सरकार ने अपने भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों को यह जिम्मा तक सौंप दिया है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सात घंटे बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिया कि इस मामले में सभी कदम उठाए जाएं। बैठक में खुफिया तंत्र चुस्त-दुरूस्त करने से लेकर अन्य राज्यों से सटी सीमाओं से होने वाली शराब तस्करी को रोकने को लेकर चर्चा हुई और इसे लेकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।

गौरतलब है कि आर्थिक अपराध इकाई ने अवैध बालू खनन को लेकर पिछले दिनों जांच की थी। अवैध बालू खनन में संलिप्तता के आरोप में कई अधिकारियों पर आय से अधिक संपत्ति को लेकर कार्रवाई हो रही है। कई अधिकारियों को लेकर अभी भी जांच चल रही है। सूत्रों का कहना है कि ऐसी ही कार्रवाई अब शराब से जुड़े तस्करों और माफियाओं तथा संरक्षकों पर करने की तैयारी हो रही है।

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