राजीव कुमार झा की कविता : सुंदर सवेरा

।।सुंदर सवेरा।।
राजीव कुमार झा

सुबह की रोशनी
सबको जगाती
बाहर बुलाती।

हर घर उजाले से
अब महकता
चिड़ियों का शोर सुनकर
कितना चहकता।

अब मिट गया
हर तरफ अँधेरा
यह सुंदर सवेरा
सबके चेहरे पर
मुस्कान लाया।

रुपहली रोशनी का
सैलाब लाया
सूरज ने सबको
पास बुलाया
खिड़की पर आकर
किरणों ने बताया
रात की उदासी को
किसने मिटाया
थोड़ी धूप से
किसने मन को
भीतर जलाया?
गीत गाता
यह मौसम आया।

राजीव कुमार झा, कवि/समीक्षक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nineteen + seven =