कोलकाता। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर हिंदू महासभा का नफरत एक बार फिर जगजाहिर हो गया है। बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान महिषासुर की मूर्ति को महात्मा गांधी से मेल खाती मूर्ति के विवाद के बाद अखिल भारत हिंदू महासभा ने राज्य में अपनी गतिविधि तेज कर दी है। अब अखिल भारत हिंदू महासभा ने नोटों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जगह सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छापने की मांग की है।इसके साथ ही अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से केंद्र सरकार की आलोचना की गई। केंद्र सरकार की ओर से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फाइलों को अभी तक आम लोगों के लिए सार्वनजिक नहीं किये जाने की भी आलोचना की।
बता दें कि इस साल आजाद हिंद वाहिनी के गठन का 80वां वर्ष मनाया जा रहा है। इस अवसर पर हिंदू महासभा के पश्चिम बंगाल ईकाई के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रचूड़ गोस्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अभी भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस संबंधित सभी फाइलों को सार्वजनिक नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को राज्य सरकार की ओर से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के टैबलो भेजे गये थे, लेकिन उन्हें स्थान नहीं दिया गया था।
यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बिना बीजेपी का नाम लिए हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में हिंदुओं पर अत्याचार हुए थे, लेकिन बंगाल के बीजेपी नेता के फोन बंद थे, लेकिन नुपूर शर्मा और टी राजा सिंह के मामले में फैसले लेने में भाजपा नेतृत्व ने विलंब नहीं किया था।भाजपा दोतरफा नीति का अनुशरण कर रही है। उन्होंने इसके साथ कश्मीर से धारा 360 पूरी तरह से समाप्त करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि भारतीय नोटों से महात्मा गांधी की तस्वीर को हटाई जाये और उसकी जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छापी जाये। उन्होंने इसके साथ ही सुभाष चंद्र बोस को उचित सम्मान देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि न तो भाजपा और न ही तृणमूल कांग्रेस राज्य के हितों की रक्षा कर सकती है। इस कारण वे लोग पंचायत चुनाव लड़ेंगे। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि उन लोगों की सांगठनिक क्षमता अपेक्षाकृत कम है।