कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में घेरे में आये राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी को मंत्रीमंडल के सभी विभागों के दायित्व से मुक्त करने के साथ ही पार्टी से भी निलंबित कर दिया। चटर्जी के खिलाफ यह कार्रवाई कथित तौर पर स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले में उनकी भूमिका और इसको लेकर ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किए जाने के छह दिन बाद हुयी। उल्लेखनीय है कि ईडी ने श्री चटर्जी की करीबी मॉडल एवं अभिनेत्री अर्पिता मुखर्जी के शहर के उत्तरी हिस्से में स्थिति बेलघरिया फ्लैट से 28 करोड़ रुपये नगद तथा भारी मात्रा में सोना बरामद किया था।
ईडी अर्पिता के आवास से अब तक 50 करोड़ रुपये बरामद कर चुकी है। ईडी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार कर चुकी
है। ईडी ने दावा किया है कि अर्पिता चटर्जी की करीबी है। ईडी ने आशंका जतायी है कि अर्पिता के आवास से बरामद रुपये एसएससी भर्ती घोटाले से प्राप्त हुए पैसे हो सकते हैं। चटर्जी ममता कैबिनेट में नंबर दो पर थे। उनके पास वाणिज्य, उद्योग एवं संसदीय मामलों, सार्वजनिक उद्यम एवं औद्योगिक पुनर्निर्माण सहित कई विभागों का जिम्मा था। राज्यपाल की ओर से जारी अधिसूचना में राज्य सरकार ने कहा, “ पार्थ चटर्जी को उपरोक्त विभागों के प्रभारी मंत्री के रूप में उनके कर्तव्यों से जुलाई 2022 के 28 वें दिन से मुक्त किया जाता है।”
अधिसूचना पर राज्य के मुख्य सचिव के हस्ताक्षर किए हैं। पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है क्योंकि वह कथित भ्रष्टाचार का बचाव करने वाले के तौर पर नहीं दिखना चाहती। सांसद अभिषेक बनर्जी ने पार्थ के मुद्दे पर फैसले के लिए आज शाम को पार्टी की अनुशासन समिति की बैठक बुलाई थी लेकिन ममता ने उससे पहले ही पार्थ को हटाने का फैसला कर लिया। पार्थ चटर्जी फिलहाल उद्योग मंत्री थे। जब वह शिक्षा मंत्री थे उस दौरान हुए घोटाले के लिए उनको गिरफ्तार किया जा चुका है।