कोलकाता। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश किया गया। पार्थ चटर्जी ने कोर्ट के सामने गिड़गिड़ाते हुए जमानत की मांग की, लेकिन उन्हें नहीं मिली जमानत। पार्थ चटर्जी के वकील ने जमानत की मांग की। ईडी और सीबीआई दोनों की मांग पर सुनवाई करते कोर्ट ने पार्थ चटर्जी की हिरासत 30 नवंबर तक बढ़ा दी। अंत में पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका खारिज हो गई। अंत में जज ने सुनवाई में पार्थ चटर्जी से कहा कुछ कहना चाहेंगे ? तब पार्थ चटर्जी ने कहा,”मेरा शरीर साथ नहीं दे रहा है।
सभी मामलों को एक साथ सुनवाई हो रही है। अब तक जांच ऐजेंसियों को कुछ नहीं मिला है, ऐसे में हमेशा मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है। मेरी अपील है कि मुझे जीने दीजिए।” पार्थ चटर्जी के वकील ने कहा,’मेरे मुवक्किल को जेल हिरासत में 99 दिन बीत चुके हैं,फिर भी ईडी जेल हिरासत की मांग कर रही है। ईडी कहा कहना है कि यह शुरुआती दौर है। कुल 99 दिन बाद अभी शुरूआती दौर ? जब तक जांचकर्ता संतुष्ट नहीं हो जाते,क्या मेरे मुवक्किल जेल में रहेगें?
मानिक भट्टाचार्य को आज गिरफ्तार किया गया,कल किसी और भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया जाएगा,तब तक क्या जेल में ही रहेंगे पार्थ चटर्जी? वह कल भी प्रभावशाली थे, आज हैं, भविष्य में भी रहेंगे। क्या जमानत किसी व्यक्ति की सामाजिक स्थिति पर निर्भर कर सकती है? ‘पार्थ चटर्जी के वकील ने जमानत के सवाल पर पी चिदंबरम का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि पी चिदंबरम केंद्रीय मंत्री थे।
उन्हें प्रभावशाली भी कहा जाता था। हालांकि उन्हें अभी भी जमानत दी गई थी। तो पार्थ चटर्जी को जमानत क्यों नहीं? घोटाला अब तक शिक्षा विभाग में पहली बार आयी है। इस घोटाले में जो तथ्य सामने आए वो किसी को भी चौंका देने वाले हैं। आपको बता दें कि इस मामले में ईडी ने अब तक 150 करोड़ तक की संपत्ति जब्त कर ली है। इसके साथ ही मामले की जांच जारी है। मामले में एक एक कड़ी मिलाकर कुल 16 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।