मुंबई। परिणीति चोपड़ा अपनी पहली एक्शन फिल्म कर रही है। ‘कोड नेम तिरंगा’ में वो भारत को बचाने के लिए एक बेहद जोखिम भरे मिशन पर एक एजेंट की भूमिका निभा रही हैं। महामारी के दौरान दूसरी लहर के बीच हुई शूटिंग के दौरान अपने अनुभव के बारे में अभिनेत्री ने खुल कर बात की। परिणीति कहती हैं, “हमने मानव जाति द्वारा देखे गए सबसे अप्रत्याशित समय में से एक के दौरान ‘कोड नेम तिरंगा’ की शूटिंग की, हम कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान भारत के लॉकडाउन में जाने से तीन दिन पहले तुर्की के लिए रवाना हुए।”
जैसा कि मैं ऐसा करने के लिए धन्य थी जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद है वह है अभिनय करना, हर एक दिन बहुत मुश्किल था क्योंकि हमारे सामने कई चुनौतियां थीं।” परिणीति ने तुर्की में टीम को जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, उस पर विस्तार से बताया, “ऐसे दिन थे जब हमें नहीं पता था कि हम अगले दिन शूटिंग कर पाएंगे या नहीं, और एक दिन की शूटिंग रद्द होने का मतलब पूरे शेड्यूल का पुनर्गठन करना था।
भावना यह थी कि पूरा दल एक द्वीप पर अलग-थलग था। वह आगे कहती हैं, “इससे क्या हुआ कि हम सब घर से दूर एक बड़े परिवार की तरह हो गए, जो दिन-ब-दिन इतनी बाधाओं से जूझ रहे थे।” अंत में परिणीति चोपड़ा ने कहा, निर्देशक और फिल्म के निर्माता रॉक हमारे साथ बेहत मजबूती से खड़े थे। उन्होंने अपने रास्ते में आने वाली हर चुनौती को लेने का फैसला किया।