नई दिल्ली। बुधवार शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों की महान विभूतियों पद्मश्री सम्मान (Padma shri award 2023) से सम्मानित किया गया। कपिल देव प्रसाद सहित बिहार के तीन हस्तियों को मिला ‘पद्मश्री सम्मान’, जानें क्या है इनके संघर्ष की कहानी।
पटना : Padma Awards 2023: बुधवार शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों की महान विभूतियों को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। पद्मश्री सम्मान 2023 में बिहार के तीन लोगों को भी सम्मानित किया गया। जिसमे नालंदा के कपिल देव प्रसाद को कपड़ा कला के मामले में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में सुपर थर्टी के संस्थापक आनंद कुमार को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है तथा बिहार की सुभद्रा देवी को कला के क्षेत्र में पुरस्कार दिया गया है। सभी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ये सम्मान दिया।
नालंदा जिले के 68 वर्षीय पद्मश्री सम्मानित कपिल देप प्रसाद ने कपड़ा कला में बेहतरीन काम किया है। जिसकी वजह से ये सम्मान उन्हें दिया गया है। कपिल देव प्रसाद को बूटी कला में महारत हासिल है। उन्होंने अब तक कई बड़े और लंबे कपड़ों पर अपनी कला उकेरी है। कपिल देव प्रसाद ने बावन बूटी कला को एक पहचान दी है। उनके द्वारा इस कला से निर्मित साड़ियां काफी पसंद की जाती है। 55 सालों से बुनकर का काम करने वाले कपिल देव प्रसाद अल्प आयु से ही बुनकारी के काम से जुड़े हुए हैं तथा इस उम्र में आज भी वे बावन बूटी कला का प्रशिक्षण लोगों को दे रहे हैं।
सुपर 30 शैक्षिक कार्यक्रम के संस्थापक आनंद कुमार ने पद्मश्री से सम्मानित होने के बाद कहा कि, ’पिताजी के देहांत के बाद मैंने पापड़ बेचने का काम किया। तब मुझे लगा कि देश में मुझसे भी ज्यादा प्रतिभाशाली बच्चे हैं, लेकिन सुविधा नहीं होने के कारण वो पढ़ नहीं पाते। जिसके बाद मैंने सुपर 30 की शुरूआत की, जिसमें हर साल 30 बच्चों को घर में रखकर खिला-पिला कर पढ़ाने की व्यवस्था की। बता दें कि एक गरीब परिवार में जन्में आनंद कुमार ने अपने जीवन में काफी संघर्षों को देखा है। बच्चों को पढ़ाने के दौरान उन्हें कई तरह के कठिन परिस्थितियों का सामना किया। उन्होंने कई गरीब बच्चों की जिंदगी को संवारने का काम किया है।
दूसरी तरफ बिहार में कला के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए सुभद्रा देवी को पद्मश्री अवार्ड दिया गया है। सुभद्रा देवी बिहार के मधुबनी जिले में रहती हैं। बिहार के तीन विभूतियों को पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद पूरे प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गई है।