कोलकाता : राज्य में जारी सियासी घमासान के बीच यहां की सियासी पिच पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रमुख व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी कदम रख दिया। बिहार चुनाव में मिली जीत से उत्साहित ओवैसी की नजरें अब बंगाल विधानसभा चुनाव पर है। बंगाल में चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद ओवैसी रविवार सुबह पहली बार अचानक यहां के दौरे पर पहुंचे। सुबह विमान से कोलकाता पहुंचने के बाद ओवैसी सीधे हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ पहुंचे और यहां के पीरजादा व प्रमुख मुस्लिम धार्मिक नेता अब्बास सिद्दीकी के साथ बैठक कर राज्य के राजनीतिक हालात तथा आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की। उनकी पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी। बैठक के दौरान एआइएमआइएम के प्रदेश इकाई के प्रमुख नेता भी मौजूद रहे।
बंगाल चुनाव में “एम फैक्टर” अहम
दरअसल, पश्चिम बंगाल की सियासत में 31 फीसदी वोटर्स मुस्लिम हैं। पीरजादा अब्बास सिद्दीकी जिस फुरफुरा शरीफ दरगाह से जुड़े हैं, उसे इस मुस्लिम वोट बैंक का एक गेमचेंजर माना जाता है। लंबे वक्त से सिद्दीकी ममता बनर्जी के करीबियों में से एक रहे हैं। हालांकि कुछ वक्त से सिद्दीकी ममता के खिलाफ बयान दे रहे हैं और वह खुले रूप में टीएमसी का विरोध भी कर रहे, ऐसे में ओवैसी से उनका मिलना अहम है।
ओवैसी ने फुरफुरा शरीफ दरगाह में जियारत भी की। इससे पहले ओवैसी के यहां पहुंचने पर पीरजादा ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। दरअसल, फुरफुरा शरीफ के पीरजादा (धार्मिक नेता) अब्बास सिद्दीकी कई मुद्दों पर ममता सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की भी पिछले दिनों घोषणा की थी। वह अपना खुद का एक अल्पसंख्यक संगठन शुरू करने की भी योजना बना रहे हैं। उनका मुस्लिम समाज में काफी प्रभाव माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक, संभवतः दोनों के बीच बंगाल चुनाव साथ लड़ने और सीटों की साझेदारी पर चर्चा हुई है। बैठक के बाद ओवैसी ने पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राज्य में भाजपा की बढ़त के लिए तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया। ओवैसी ने पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा के 18 सीटें जीतने को लेकर ममता को घेरा।