Overcoming disability, the girls passed the Higher Secondary examination

दिव्यांगता को मात देकर छात्राओं ने पास की उच्च माध्यमिक परीक्षा

Handicapped girls passed the Higher Secondary exam, कोलकाता। हौसले बुलंद हो तो विकलांगता जीवन में बाधक नहीं बन सकती है। काकद्वीप के हरिपुर दासपारा के दो दिव्यांग विद्यार्थियों  ने उच्च  माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण कर  इस बात को साबित दिया है।  शत-प्रतिशत दिव्यांगता को मात देकर दो छात्राओं ने जिस प्रकार से सफलता हाशिल की है, उससे साबित हो जाता है कि अगर मन में कुछ करने की चाहत हो तो कोई भी बाधा आड़े नहीं आ सकती है।

आज उच्च माध्यमिक की परीक्षा परिणाम घोषित हुआ है।  दो दिव्यांग  छात्राओं   ने जीवन में सभी बाधाओं को पार करते हुए उच्च माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण की है। दोनों काकद्वीप में अक्षयनगर ज्ञानदामयी विद्यानिकेतन के छात्रा हैं।

इनमें से एक का नाम संचिता गिरी और दूसरे का नाम मुक्ता दास है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, दोनों शत-प्रतिशत विकलांग हैं. संचिता की ऊंचाई 2 फीट है। वह ठीक से बैठ भी नहीं पाती है, चलना तो दूर की बात है।

वह हर दिन अपनी मां की गोद में स्कूल जाती है। वह सीट-बेंच पर लेटकर नोटबुक और पेन के साथ क्लास लेती है। शुरू से ही उनका कोई शिक्षक नहीं था. माध्यमिक परीक्षा के दौरान भी उसने घर पर अकेले ही पढ़ाई की।

पिता स्वपन गिरि दूसरे के एक दुकान के कर्मचारी हैं। संचिता ने अपने परिवार से जिद कर अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए है। माध्यमिक परीक्षा उसने 210 अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। वह आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहता है लेकिन पढ़ाई के अलावा संचिता को चित्रकारी करना पसंद है। भविष्य में वह आर्ट कॉलेज की पढ़ाई कर पेंटर बनना चाहती है।

Overcoming disability, the girls passed the Higher Secondary examination

दूसरी  मछुआरे परिवार की बच्ची मुक्ता हर दिन जिंदगी से संघर्ष कर रही है। बाहर से देखने पर वह बाकी बच्चियों की तरह ही सामान्य दिखती है लेकिन मुक्ता जन्म से ही गूंगी और बहरी है। बिलकुल सुन नहीं सकता और न ही बोल सकती। उसने बचपन से ही दीदी को पढ़ते हुए देखा है। उनके पास बैठकर वह नोटबुक पेन से खोल पढ़ती है।

परिवार में किसी ने कल्पना भी नहीं थी की मुक्ता एक दिन उस खेल को खेलकर ही स्वर और व्यंजन पहचान लेगी। उसने स्कूल की कक्षा में शिक्षकों के चेहरों को देखकर अपनी पढ़ाई में महारत हासिल की है।  माध्यमिक परीक्षा उसने 211 अंकों के साथ उत्तीर्ण की है।

अक्षयनगर ज्ञानदामयी विद्यानिकेतन के प्रिंसिपल आशीष कुमार मैती ने कहा, “स्कूल के शिक्षकों के प्रयास सफल रहे हैं। संचिता और मुक्ता के उत्तीर्ण होने से सभी बहुत खुश हैं। इन दोनों छात्रों की समस्याओं के कारण स्कूल द्वारा विशेष कक्षाएं आयोजित की गई थी।” यहाँ तक कि छुट्टियों के दौरान भी ये दोनों कक्षाएं चलती थीं।”

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