कोलकाता । साहित्य अकादेमी द्वारा अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर श्री शिक्षायतन कॉलेज, कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में कॉलेज परिसर में दो-दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रतिष्ठित अंग्रेजी लेखिका संयुक्ता दासगुप्त ने किया। इस अवसर पर कॉलेज की प्रधानाचार्या अदिति दे की अध्यक्षता में ‘भारतीय ‘भारतीय साहित्य’ पर केंद्रित एक कार्यक्रम भी आयोजित हुआ। कार्यक्रम के आरंभ में स्वागत भाषण देते हुए अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने अकादेमी की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए भारतीय साहित्य की अवधारणा और साहित्य से आम जनता के सरोकार पर चर्चा की।
इस अवसर पर मालिनी मुखर्जी ने परिचयात्मक वक्तव्य प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता संयुक्ता दासगुप्त ने विभिन्न राज्यों में भाषाओं की स्थिति और साहित्य पर विचार करते हुए इस बात को सामने रखा कि किस प्रकार एक समय भारत के किसी भी भाग की भाषा न होने के बावजूद आज अंग्रेजी संपूर्ण भारत में स्वीकृत और व्यवहृत भाषा बन गई है और विभिन्न भाषाओं के साहित्य का अंग्रेजी में अनुवाद अथवा भिन्न भाषी लेखकों द्वारा अंग्रेजी में लेखन के कारण अंग्रेजी भारतीय साहित्य को प्रस्तुत करने का माध्यम बन गई है।
चित्रिता बनर्जी ने अठारहवीं सदी से अद्यतन विभिन्न भारतीय भाषाओं के साहित्य पर तुलनात्मक विमर्श प्रस्तुत करते हुए भारतीय साहित्य के प्रतिनिधि स्वरूप और विशिष्टताओं को श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज की छात्राओं ने हिंदी, उर्दू, बांग्ला और अंग्रेजी के महत्वपूर्ण कवियों की कविताओं का कविता कोलाज प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन दिव्यानी शर्मा ने किया जबकि अंग्रेजी विभागाध्यक्ष देवलीना गुह ठाकुरता ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया।