नई दिल्ली। नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) ने अपने शिक्षण केंद्रों में शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए गेस्ट फैकल्टी आवेदन फॉर्म आमंत्रित किए हैं। अधिसूचना जारी कर ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। यह आवेदन 26 यूजी (अंडरग्रेजुएट ) और 01 पीजी (पोस्टग्रेजुएट) शिक्षण केंद्रों के लिए हैं। बोर्ड में गेस्ट फैकल्टी के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई 2021 है।
बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आवेदनकर्ताओं को अपना फॉर्म ऑन लाइन भरने व जमा करने के लिए नॉन कॉलेजिएट वीमेंस बोर्ड (एनसीवेब) की वेबसाइट और यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा किसी भी तरह की अन्य जानकारी नॉन कॉलेजिएट की वेबसाइट पर देख सकते हैं।
बोर्ड के अनुसार गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति विश्वविद्यालय के दिशा निर्देशों के अनुसार होगी। कोई भी परिशिष्ट या शुद्धिपत्र (कोरिजेंडम) केवल बोर्ड की (एनसीवेब) वेबसाइट या डीयू की वेबसाइट पर जाकर देखें।
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के प्रभारी डॉ. हंसराज सुमन ने बोर्ड द्वारा समय पर गेस्ट टीचर्स के लिए जारी की गई अधिसूचना का स्वागत किया है। उन्होंने बोर्ड की निदेशक डॉ. गीता भट्ट से गेस्ट टीचर्स में आरक्षित वर्गों के एससी, एसटी, ओबीसी, पीडब्ल्यूडी अभ्यर्थियों को उनके आरक्षण के हिसाब से प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग की है।
बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति दिल्ली विश्वविद्यालय की गाइडलाइंस के अनुसार की जाएगी। उन्होंने सभी वर्गों के अभ्यर्थियों को पढ़ाने का अवसर देने के लिए भारत सरकार की आरक्षण नीति का पालन करते हुए गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति करने की मांग की है।
डॉ. सुमन ने बताया है कि उन्होंने अपने एकेडेमिक काउंसिल के कार्यकाल में पूर्व कुलपति से नॉन कॉलेजिएट के 13 सेंटर से बढ़वाकर 26 सेंटर करवाए थे। बोर्ड में उन्हीं टीचर्स को गेस्ट फैकल्टी के रूप में रखा जाता है जिन अभ्यर्थियों का अपने सब्जेक्ट्स के डिपार्टमेंट्स के एडहॉक पैनल में उसका नाम हो और वह सहायक प्रोफेसर की पूर्ण योग्यता रखते हों। उन्होंने बताया है कि एसओएल और नॉन कॉलेजिएट में हर साल गेस्ट टीचर्स की मांग बढ़ रही है।
डॉ. सुमन ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के आने से विश्वविद्यालय के विभागों कॉलेजों के बाद एसओएल व नॉन कॉलेजिएट में शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। जहां एसओएल में लगभग दो हजार शिक्षकों की मांग है वहीं नॉन कॉलेजिएट में हर साल लगभग 1500 शिक्षकों की आवश्यकता है।
नॉन कॉलेजिएट व नियमित कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया बिल्कुल भिन्न है। नॉन कॉलेजिएट में शिक्षकों की नियुक्ति डिपार्टमेंट्स के एडहॉक पैनल से नाम मंगवाकर की जाती है। वहीं नियमित कॉलेजों में दो प्रकार के गेस्ट टीचर्स रखे जाते हैं ,एक जिन्हें महीने में अधिकतम 25 हजार दिए जाते है जिसे प्रिंसिपल व टीचर इंचार्ज नियुक्त करते हैं। दूसरा, यूजीसी व विश्वविद्यालय द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार विश्वविद्यालय के एक्सपर्ट व ऑब्जर्वर नियुक्त करते है। उन्हें 50 हजार रुपये अधिकतम दिए जाते हैं।
नॉन कॉलेजिएट में बोर्ड एडहॉक पैनल में से शिक्षकों की नियुक्ति करता है और उन्हें 1500 रुपये प्रति पीरियड के हिसाब से दिए जाते है। उन्होंने बताया है कि नॉन कॉलेजिएट में एक सेमेस्टर में 25 दिन व प्रति दिन दो क्लासेज दिए जाने का प्रावधान है।