विक्रम विश्वविद्यालय में भारतरत्न महामना मदनमोहन मालवीय जयंती के उपलक्ष्य में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं व्याख्यान सत्र सम्पन्न

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महामना मालवीय जी का योगदान एवं विकसित भारत पर वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में 25 दिसम्बर को दोपहर 1:00 बजे भारतरत्न महामना मदनमोहन मालवीय जी की जयंती के उपलक्ष में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महामना मदनमोहन मालवीय का योगदान और विकसित भारत@2047 पर वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. राजेन्द्र सिंह राज्य विश्वविद्यालय, प्रयागराज के पूर्व अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. चंद्रप्रकाश त्रिपाठी थे। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधित किया। अध्यक्षता कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने की। इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू प्रो. सत्येन्द्र किशोर मिश्रा, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के प्राध्यापक डॉ. अखिलेश तिवारी, कमल जोशी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

मुख्य अतिथि प्रो. चंद्रप्रकाश त्रिपाठी, प्रयागराज ने कहा कि महामना मालवीय जी ने सदैव राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए स्वतंत्रता संग्राम में व्यापक योगदान दिया। उन्होंने अनेक स्वतंत्रता सेनानियों के पक्ष में वकालत करते हुए उन्हें फांसी के फंदे से मुक्त कराया। उन्होंने देश और समाज को जो सपना दिखाया था उसे विकसित भारत की संकल्पना के साथ पूरा करने की जरूरत है।

कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में महामना मालवीय जी का योगदान अविस्मरणीय है। विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए शैक्षिक संस्थानों को उनके जीवन और विचारों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।

अध्यक्षता करते हुए कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि मदनमोहन मालवीय ने ईश्वर भक्ति और देशभक्ति दोनों का जैविक संश्लेषण किया। ईश्वर भक्ति का देशभक्ति में रूपांतरण उन्हें अद्वितीय बनाता है। उनका विश्वास है कि निष्काम भाव से प्राणी मात्र की सेवा ही ईश्वर की वास्तविक आराधना है। वे भारतीय आध्यात्मिक राष्ट्रवाद का प्रतिनिधित्व करते हैं जो पश्चिम के राष्ट्रवाद से भिन्नता रखता है। उनकी मान्यता है कि देश की उत्थान के लिए देशभक्ति तथा भाईचारे की भावनाओं का परिवर्धन किया जाए। मालवीय जी ने एक महान स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार के रूप में देश के सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को व्यापक गति दी। उनके लिए भारत एक जीवित भास्कर है, जो पूरी दुनिया को प्रकाश देता है।

विक्रम विश्वविद्यालय के सुमन मानविकी भवन परिसर स्थित महामना की प्रतिमा पर विक्रम विश्वविद्यालय परिवार द्वारा 25 दिसंबर 2023, सोमवार को दोपहर 1:00 बजे पुष्पांजलि अर्पित की गई। पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में अतिथियों के साथ आईक्यूएसी के निदेशक प्रो. दीनदयाल बेदिया, विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. कनिया मेड़ा, शारीरिक शिक्षा अध्ययनशाला के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र चावरे, प्रो. हेमता डुडवे, अलीराजपुर, डॉ. मुकेश वाणी, जगदीश शर्मा, संतोष राय आदि सम्मिलित थे। संचालन डॉ. वीरेंद्र चावरे ने किया। आभार प्रदर्शन प्रो. डी.डी. बेदिया ने किया। प्रतिमा स्थल पर प्रातः काल से उपस्थित हुए नगर के अनेक प्रबुद्ध जनों, शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।

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