एक शाम प्रभु श्री राम के नाम
कोलकाता । चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, हिन्दू नव वर्ष के प्रारम्भ एवं चैत्र नवरात्र के आगमन के साथ ही राष्ट्रीय कवि संगम की उत्तर कोलकाता इकाई द्वारा आयोजित की गयी एक ऐसी काव्य संध्या जिसमें बंगाल के प्रतिष्ठित कवि एवं कवयित्रियों ने अर्पित की प्रभु श्री राम के चरणों में काव्य पुष्पों की माधुर्य भरी भेंट। इस मंगलमय संध्या की परिकल्पना को साकार रूप दिया संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष आदरणीय डॉ. गिरधर राय ने, जिनके मार्गदर्शन के तहत प्रांतीय महामंत्री श्री राम पुकार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित काव्य गोष्ठी किया का कुशल संचालन किया कवयित्री कामायनी ‘संजय’ ने।
आलोक चौधरी द्वारा सरस्वती वन्दना एवं हिमाद्रि मिश्रा द्वारा दुर्गा स्तुति की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। काव्य गोष्ठी में एक ओर मनोरमा झा ने प्रभु श्रीराम का जय जयकार लगाई तो वहीं दूसरी ओर प्रेम शर्मा ने राम रूपी मानसरोवर की झलक दिखलाई। जहाँ कृष्ण कुमार दूबे ने अपनी काव्य सवैया से अयोध्या की छवि दिखलाई तो वहीं, प्रांतीय मंत्री बलवंत सिंह ने राघव को कलियुग में आने के लिए अर्जी लगाई। सुदामी यादव ने प्रभु श्रीराम को जीवन का खेवैया बताया तो अर्चना तिवारी ने सृष्टि के कण-कण में राम इस सत्य से सभी को परिचित करवाया।
एक ओर बरसी सुषमा राय पटेल के भक्तिमय दोहों की बरसात तो दूसरी ओर सीमा सिंह ने राम एक शब्द भर नहीं, समझाई सभी को यह बात। अपनी मधुर वाणी में आलोक चौधरी ने प्रभु श्रीराम की लीलाओं का चित्रण सुनाकर सभी का ह्रदय जीत लिया तो हिमाद्रि मिश्रा ने अपने कोकिल कंठ से सुनाया अवध हमारे अवधपति का, सभी के ह्रदय को छू लेने वाला अत्यंत ही मधुर एवं कर्णप्रिय गीत।
कार्यक्रम उस समय अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया जब – संचालिका कामायनी संजय ने हमारे पूज्य श्रीराम के जन्म से जुड़ा मनोरम सोहर गीत सुनाया एवं प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह ने सभी को भाव विभोर कर देने वाली अपनी गजल के माध्यम से प्रभु श्रीराम को हिंदूत्व का आदर्श बताया। तदोपरांत, संस्था के प्रांतीय मंत्री बलवंत सिंह ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा एवं नवरात्र की शुभकामनाएँ देते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया एवं अंत में कामायनी संजय ने रामधुन सुनाकर यह अभूतपूर्व भक्तिमय कार्यक्रम सुसंपन्न किया।