कोलकाता। सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय के तत्वावधान में प्रख्यात साहित्यकार डाॅ. प्रेमशंकर त्रिपाठी की अध्यक्षता में अंतरंग काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। काव्य गोष्ठी की शुरुआत मीनू कनोडिया की सरस्वती वंंदना से हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राजकुमार शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में ललित रुइया ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा और भी बढ़ा दिया। इस काव्य गोष्ठी में उपस्थित कवियों ने चंद्रशेखर आजाद और सावन पर केन्द्रित स्वरचित रचनायें सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रमुख कवियों में कोलकाता के वरिष्ठ रचनाकार चंद्रिका प्रसाद पाण्डेय अनुरागी, “पुकार” गाजीपुरी, उषा जैन, मीतू कनोडिया और प्रो. परमजीत कुमार पंडित रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन विवेक तिवारी ने किया। इस काव्य गोष्ठी के मुख्य वक्ता डाॅ. कमल कुमार ने कविता और समाज के अन्त: संबंध को व्याख्यायित करते हुए कविता के वैश्विक महत्व और जन चेतनापरक होने पर अपने सुचिंतित विचार रखे।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डाॅ. त्रिपाठी ने इस गोष्ठी के सफल आयोजन पर खुशी व्यक्त करते हुए ऐसे अंतरंंग काव्य गोष्ठी आयोजन करने पर बल दिया एवं आजाद को भावपूर्ण स्मरण करते हुए क्रान्ति वीरों के अवदान को रेखांकित करते हुए नयी पीढ़ी को उनके त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेने को आह्वान किए। धन्यवाद ज्ञापन काव्य गोष्ठी के संयोजक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष श्रीमोहन तिवारी ने दिया। इस काव्य गोष्ठी में सुषमा त्रिपाठी, अरविंद तिवारी, राकेश पांडेय, महेंद्र साव और राहुल सहित अनेक गणमान्य सुधीजन उपस्थित थे।