कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से राज्य की भाजपा इकाई में अंदरूनी कलह बढ़ता ही जा रहा है। पहले केन्द्रीय मंत्री समेत कई विधायकों के वॉट्सएप ग्रुप छोड़ने की बात सामने आई थी। अब एकबार फिर बंगाल भाजपा के विक्षुब्ध नेताओं में अब मतभेद उभरकर सामने आ रहा है।कुछ नेता अपनी मांगों को लेकर आंदोलन के माध्यम से विरोध को तेज करना चाहते हैं तो दूसरे इसके समर्थन में नहीं हैं।
उनका कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व के आश्वासन का गरिमा के साथ सम्मान करना चाहिए। दरअसल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि पांच राज्यों के चुनाव खत्म होने के बाद वह इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। प्रदेश भाजपा की नई समिति मैं फेरबदल के बाद कुछ नेता नाराज हो गए हैं।
दरअसल प्रदेश भाजपा की नई समिति में मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों को जगह नहीं मिलने से उत्तर 24 परगना के बनगांव के सांसद व केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर खफा हैं। वह मतुआ महासंघ के अध्यक्ष हैं। इसे लेकर उन्होंने पिछले दिनों पार्टी से नाराज मतुआ समुदाय के विधायकों और अन्य नेताओं के साथ भी बैठक की थी।
बैठक में मतुआ समुदाय से ताल्लुक रखने वाले भाजपा के तीन विधायक अशोक किरतनिया, सुब्रत ठाकुर और मुकुटमणि अधिकारी तथा इस पिछड़े वर्ग के 40 अन्य नेताओं भी हिस्सा लिया था। बैठक के दौरान संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) जैसे मुद्दों के कार्यान्वयन को लेकर चर्चा हुई। बैठक में शामिल हुए भाजपा के तीनों विधायक हाल में पार्टी के वाट्सऐप ग्रुप से खुद को अलग कर चुके हैं।