लखनऊ। जीएसटी काउंसिल की हुई बैठक में फूल डिलीवरी सर्विस देने वाले ज़ोमैटो और स्विगी जैसे ऑनलाइन ऐप को लेकर अहम फैसला हुआ। नए नियम के अनुसार अब जोमैटो और स्विगी जैसे ऐप ग्राहकों से पांच प्रतिशत जीएसटी वसूलेंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद ये जानकारी दी। हालांकि ग्राहकों के लिए इस बदलाव से कीमत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
दरअसल, अब जिस रेस्तरां से खाना ग्राहक मंगवा रहे हैं, वहां टैक्स नहीं देना होगा। वर्तमान में ये फूड डिलीवरी ऐप जीएसटी रिकॉर्ड में टीसीएस या टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स के रूप में पंजीकृत हैं।जीएसटी बैठक के बाद राजस्व सचिव तरुण बजाज ने पत्रकारों को बताया कि किसी नए करों की घोषणा नहीं की जा रही है और अब जीएसटी संग्रह बिंदु को बदला गया है।
तरूण बजाज ने कहा, ‘मान लीजिए आप एग्रीगेटर से खाना मंगवाते हैं…अभी रेस्टोरेंट टैक्स दे रहे हैं। हालांकि हमने पाया कि कुछ रेस्तरां भुगतान नहीं कर रहे थे। अब हम कह रहे हैं कि अगर आप ऑर्डर देते हैं तो एग्रीगेटर उपभोक्ता से टैक्स वसूल करेगा और अधिकारियों को भुगतान करेगा। इसमें कोई नया कर नहीं है।’
स्विगी, जोमैटो को लेकर क्यों बदला गया नियम
तरुण बजाज के अनुसार कुछ टैक्स रिटर्न के विश्लेषण से पता चला है कि रेस्टोरेंट की ओर से कर चोरी की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘हरियाणा में डिलीवरी ऐप और कुछ रेस्टोरेंट द्वारा दाखिल किए गए रिटर्न के विश्लेषण से यह बात सामने आई है।’
इसके अलावा जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई और अहम फैसले हुए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि परिषद ने पेट्रोल और डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में नहीं लाने का निर्णय किया है। वहीं डीजल में मिलाये जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
जीएसटी परिषद ने कोविड उपचार में उपयोग होने वाली दवाओं पर लागू रियायती जीएसटी दरों का समय 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया है। परिषद ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं पर कर दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का भी निर्णय किया है।