नयी दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसे यूक्रेन में भारतीय छात्रों को बंधक बनाये जाने संबंधी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया के सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यूक्रेन में हमारा दूतावास वहां रहने वाले भारतीयों के लगातार संपर्क में है। यूक्रेन की सरकार के सहयोग से कल अधिकांश छात्र खारकिव से निकल गये हैं। हमें किसी को बंधक बनाये जाने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। हमने यूक्रेन की सरकार से खारकिव एवं आसपास के क्षेत्रों से हमारे छात्रों को निकाल कर पश्चिमी भाग में ले जाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाने का अनुरोध किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि हम रूस, रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया एवं मोल्दोवा सहित इस क्षेत्र के विभिन्न देशों से समन्वय एवं सहयोग से काम कर रहे हैं। गत दिनों में बहुत बड़ी संख्या में भारतीय लोगों को निकाल लिया गया है। बागची ने कहा कि हम यूक्रेन सरकार द्वारा की गई मदद की सराहना करते हैं। हम यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसी देशों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने यूक्रेन से निकाले गए भारतीय छात्रों को स्वदेश लौटने के लिए विमान में सवार होने तक आश्रय दिया।
ऑपरेशन गंगा: भारतीय वायु सेना ने संभाला मोर्चा
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के तीन सी-17 विमान बुधवार रात से गुरुवार सुबह के बीच यूक्रेन में फंसे 600 से अधिक भारतीयों को लेकर गाजियाबाद के हिंडन वायुसेना स्टेशन पहुंचे। आईएएफ का पहला सी-17 विमान रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से 200 यात्रियों को लेकर बीती देर रात करीब 1:30 बजे यहां पहुंचा। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भारतीय वायुसेना स्टेशन पर पहुंचे लोगों की स्वयं अगवानी की।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह भारतीय वायु सेना के चालक दल और पायलटों की चौबीसों घंटे सेवा और भारतीय नागरिकों को सुरक्षित घर वापस लाने में सरकार के प्रयासों के समर्थन के लिए बहुत आभारी हैं। दूसरा सी-17 विमान बुडापेस्ट से 220 भारतीयों को लेकर तड़के करीब 5:40 बजे वायुसेना स्टेशन पहुंचा। वहीं, तीसरा सी-17 विमान पोलैंड के रेजॉफ से 208 भारतीय नागरिकों को लेकर सुबह सात बजे हिंडन पहुंचा।