पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को पटना, जहानाबाद, गया और नालंदा जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। हवाई सर्वेक्षण कर पटना लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और सहायता पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि छोटी नदियों को जोड़ने से निश्चित लाभ होगा।
हवाई सर्वेक्षण के बाद पटना लौटे मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि गुरुवार को हमने पटना, नालंदा, गया एवं जहानाबाद जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है। इन जिलों के कई इलाके बाढ़ से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा कि अगर गंगा नदी का जलस्तर और ज्यादा बढ़ता है तो इन इलाकों में बाढ़ का खतरा और ज्यादा बढ़ जाएगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन फिर से वर्षापात होने से गंगा नदी का जलस्तर और ज्यादा बढ़ेगा, जिससे इन क्षेत्रों में और पानी फैल सकता है।
नदियों को जोड़ने के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने से काफी लाभ होगा, पानी का संग्रहण हो सकेगा और जहां पानी का संकट होगा वहां भी इससे सहायता मिलेगी।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अभी की परिस्थिति में लोगों को हर प्रकार से राहत पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग के अघिकारी भी सर्वेक्षण के दौरान साथ थे।
उन्होंने कहा, जो भी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं वहां के लोगों को राहत दिलाना और सहायता पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। फसलों को भी नुकसान हुआ है, पानी अधिक रहने से रोपनी के कार्य में भी दिक्कत आ रही है। जिस तरह से वर्षा हो रही है, सबको सचेत रहना है।
जातीय जनगणाना को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पत्र भेज दिया है। हमारी पार्टी के सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर भी अपनी बातें रखी हैं।