एनएचआरसी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कहा : ममता सरकार की विफलता से भड़की हिंसा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के हावड़ा, हुगली और डालकोला में हुई हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने महत्वपूर्ण रिपोर्ट सौंपी  है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है। हिन्दुस्थान समाचार के पास इस अंतरिम रिपोर्ट की एक प्रति है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि हावड़ा के शिवपुर अथवा हुगली जिले के रिसड़ा, उत्तर दिनाजपुर के दालखोला में जो भी हिंसा हुई है उसमें पूरी तरह से पश्चिम बंगाल प्रशासन जिम्मेवार है।

मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जब शोभायात्रा निकल रही थी तब पूरी तरह से पुलिस की टीम उसके साथ थी। यहां तक कि पुलिस ने जिस से भी रूट पर परमिशन दिया था उसी रूट पर शोभायात्रा निकल रही थी। लेकिन जैसे ही अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में शोभा यात्रा पहुंची छतों और आसपास के क्षेत्रों से पथराव शुरू हो गए। यहां तक की शोभायात्रा पर हमले के बाद आगजनी भी शुरू हो गई जिसके बाद हिंसा भड़की है। मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में हावड़ा, हुगली और डालकोला में शोभायात्रा का जिक्र किया है जिसमें प्रस्तावित रूट पर ही शोभायात्रा निकालने पर पथराव और आगजनी का जिक्र किया गया है।

इसमें साफ कहा गया है कि ममता बनर्जी सरकार की प्रशासन की विफलता की वजह से ही हिंसा भड़की है। पटना हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी समेत अन्य पांच सदस्यों की टीम ने स्पष्ट कहा है कि पश्चिम बंगाल में हावड़ा, हुगली और डालखोला में जब रामनवमी की शोभायात्रा निकली तो राज्य पुलिस ने जिस रूट पर रैली को अनुमति दी थी उसी रूट पर रैली निकल रही थी। जैसे ही अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में शोभायात्रा पहुंची वहां छतों से पथराव शुरू हो गए। इसके अलावा पेट्रोल बम फेंके गए और बमबारी की गई जिसकी वजह से शोभायात्रा में शामिल लोग घायल हुए।

मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक दिन पहले स्पष्ट कहा था कि शोभायात्रा अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों से नहीं जानी चाहिए नहीं तो हिंसा भड़क सकती है और उसी के मुताबिक जैसे ही अल्पसंख्यक क्षेत्रों से शोभा यात्रा गुजरी, हिंसा भड़क गई। यानी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले हिंसा को भड़का दिया था और जैसे ही शोभा यात्रा अल्पसंख्यक क्षेत्रों में पहुंची पथराव और आगजनी शुरू हो गई।

इसके लिए पूरी तरह से बंगाल पुलिस और प्रशासन जिम्मेवार है। मानव अधिकार आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस कार्रवाई के बजाए मुक दर्शक बनी रही और कई जगहों पर अल्पसंख्यक समुदाय के साथ पथराव करती नजर आई है जो बेहद आपत्तिजनक है। कई जगहों पर पुलिस हालात को संभालने के बजाय पथराव करती नजर आई है जो बेहद चिंताजनक है।

उल्लेखनीय है कि रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हावड़ा के शिवपुर, हुगली के रिसड़ा और दिनाजपुप के दालखोला में शोभायात्रा पर पथराव के बाद हिंसा भड़की थी। इसे लेकर कई लोग घायल हुए हैं।आरोप है कि पुलिस ने पथराव और आगजनी करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के वजाय बहुसंख्यक लोगों को गिरफ्तार किया है।‌ ऐसा इसलिए किया गया है ताकि तृणमूल कांग्रेस के लिए अल्पसंख्यक वोट बैंक का ध्रुवीकरण हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *