#New Delhi: एशियन लिटरेरी सोसाइटी द्वारा तीन दिवसीय जश्न-ए-आज़ादी महोत्सव का आयोजन

New Delhi : हमारी नई पीढ़ी को स्वतंत्रता के वास्तविक मूल्य से परिचित कराने और पूरे देश में एकता, सद्भाव और सहिष्णुता का संदेश फैलाने के लिए, एशियन लिटरेरी सोसाइटी ने नई दिल्ली में तीन दिवसीय जश्न-ए-आजादी उत्सव (13 अगस्त 2021 से 15 अगस्त 2021) का आयोजन किया। इस उत्सव में देश भर के प्रख्यात साहित्यकारों और कलाकारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने हमारे बेहतर कल के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

वर्तमान कोविड -19 महामारी के मद्देनज़र, यह कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया था। मनोज कृष्णन (संस्थापक, एशियन लिटरेरी सोसाइटी और लेखक) ने जश्न-ए-आज़ादी 2021 उत्सव में सभी प्रतिष्ठित अतिथियों और कलाकारों का स्वागत किया। उन्होंने हमारे महान नायकों द्वारा किए गए बलिदान की चर्चा की, जो विषम परिस्थितयों के बावजूद मातृभूमि को आजाद कराने के अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे।

इस समारोह में डॉ. अमरेंद्र खटुआ (पूर्व सचिव, विदेश मंत्रालय), सुदर्शन केचरी (सीईओ, ऑथरप्रेस) ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एशियन लिटरेरी सोसाइटी के सभी सदस्यों को बधाइयाँ दी और अपने विचार व्यक्त किए। सोहिनी रॉयचौधरी (प्रसिद्ध नृत्यांगना और कोरियोग्राफर) और डॉ. अम्पत कोशी (प्रख्यात लेखक) ने “कला और साहित्य के माध्यम से भारतीयता के जश्न” विषय पर पैनल चर्चा में भाग लिया।

अनीता चंद, निशा टंडन, डॉ. बिशाखा सरमा और उपासना राठौर ने तीन दिवसीय जश्न-ए-आज़ादी उत्सव में विभिन्न लाइव सत्रों का संचालन किया।

अंजू शाहनी (लाफ्टर योग विशेषज्ञ, दुबई) ने हास्य एवं योग के विषय से दर्शकों को अवगत कराया, जबकि श्रद्धा सोपारकर (संस्थापक, मधुरम चैरिटेबल ट्रस्ट), डॉ. मोना पटेल (बाल रोग फिजियोथेरेपिस्ट), और ज़ेबा तबस्सुम “विकलांगता से स्वतंत्रता” विषय पर हुई चर्चा में शामिल हुईं जो कि एशियन लिटरेरी सोसाइटी द्वारा दिव्यांगों के समक्ष पेश होने वाली चुनौतियों से दर्शकों जो रु-ब-रु कराने के उद्देश्य से आयोजित किया गया कार्यक्रम था।

प्रख्यात कवि डॉ. लक्ष्मी शंकर बाजपेयी और ममता किरण ने भी जश्न-ए-आज़ादी कार्यक्रम में शिरकत की और अपने देशभक्ति से सराबोर प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस तीन दिवसीय उत्सव में एशियन लिटरेरी सोसाइटी ने संगीत, नृत्य और चित्रकला सम्बन्धी कार्यक्रमों का आयोजन किया जिसमें भारत और विदेशों के कलाकारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

महोत्सव के अंत में मनोज कृष्णन ने सभी प्रतिभागियों और प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अपनी उपस्थिति से इस महोत्सव की शोभा बढ़ाई। एशियन लिटरेरी सोसाइटी की जश्न-ए-आज़ादी महोत्सव को देश भर के दर्शकों ने खूब सराहा तथा कोरोनोवायरस महामारी के समय एएलएस और उसकी इस पहल की प्रशंसा की।

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