“मेदिनीपुर लिटरेरी मीट” में जुटे नवीन व प्रवीण शब्दकर्मी

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर के युवा कवियों की पहल पर स्थानीय मेदिनीपुर कॉलेज के विवेकानंद हॉल में लिटरेरी मीट का आयोजन किया गया। इस साहित्यिक मिलन का यह तीसरा वर्ष था। जहाँ पद्य, गद्य, साहित्यिक साधना, नाटक पर चर्चा के साथ-साथ काव्य वाचन और गायन भी हुआ। प्रसिद्ध संगीतकार धृति चट्टोपाध्याय ने उद्घाटन संगीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रसिद्ध नाटककार व अभिनेता विप्लव बनर्जी ने दीप प्रज्वलित कर किया। कविता पैनल के वक्ता मृदुल दासगुप्ता, अंशुमान कर, सलीम मल्लिक थे।

इस पैनल का संचालन गौतम भट्टाचार्य ने किया। विषय- क्या कविता के पाठक कवि भी होते हैं? गद्य पैनल वक्ता सन्मात्रानंद, विनायक बनर्जी थे। संचालन राजीव कुमार घोष ने किया। विषय- क्या लिखूं, क्यों लिखूं? नाट्य मंडल द्वारा चर्चा का विषय था-नाट्य की जिम्मेदारी। वक्ता थे बिमल चक्रवर्ती, देवलीना दासगुप्ता, जयंत चक्रवर्ती। पार्थ मुखर्जी इस विषय के संचालक थे। साथ ही दिन की चर्चा का विषय मेदिनीपुर की साहित्यिक साधना रही।

गद्य लेखक और कवयित्री सुमन महंती के उपन्यास ‘प्रथम द्रोहिणी’ की चर्चा गद्य लेखक मृणाल सतपथी ने की। पूरे कार्यक्रम का संचालन मोम चक्रवर्ती और कुमारेश घोष ने की। परिचर्चा के साथ ही वक्ताओं व श्रोताओं के बीच परिचर्चा सत्र भी हुआ। लघु पत्रिकाएँ, किताबें, पेंटिंग और चॉकलेट के स्टॉल थे। आयोजकों की ओर से अध्यक्ष सिद्धार्थ सांतरा, सचिव अभिनंदन मुखोपाध्याय ने कहा कि मेदिनीपुर साहित्यिक मिलन के चौथे वर्ष में और भी नए प्रयोग और आश्चर्य होंगे।

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