नीट-पीजीः केंद्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट से शीघ्र सुनवाई का अनुरोध

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट)-पीजी काउंसलिंग मामले की शीघ्र सुनवाई करने अनुरोध किया। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ‘विशेष उल्लेख’ तहत सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि नीट- पीजी (ईडब्ल्यूएस) मामले की शीघ्र सुनवाई के जाने की जरूरत है। उन्होंने अदालत से गुहार लगाई कि पूर्व निर्धारित छह जनवरी के बजाय मंगलवार को सुनवाई की जाए।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सरकार के गुहार पर कहा कि पीठ इस मामले में मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की सलाह के बाद कोई फैसला लेगी। यह मामला मेडिकल स्नातकोत्तर स्तर की कक्षाओं में नामांकन से जुड़ा हुआ है। नामांकन के लिए होने वाली काउंसलिंग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए ( ईडब्ल्यूएस) आरक्षण के लिए वार्षिक आय मानदंड तय करने को लेकर शीर्ष अदालत सुनवाई कर रही है। केंद्र सरकार ने आरक्षण के लिए वार्षिक आय आठ लाख रुपए की सीमा तय की है।

सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से आठ लाख रुपए तय करने के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी देने को कहा था लेकिन सरकार ने पिछली कई तारीखों के दौरान कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाई। इसके बाद पीठ ने 25 अक्टूबर 2021 को नीट- पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया पर अस्थाई रोक लगा दी थी। काउंसलिंग नहीं होने के कारण अभ्यार्थी (डॉक्टर) लगातार आंदोलन कर रहे हैं। नामांकन के अभ्यार्थी डॉक्टरों ने पिछले दिनों हड़ताल और सड़कों पर प्रदर्शन किए थे। इस वजह से ही राजधानी दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई थी।

इस बीच, उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर केंद्र सरकार ने कहा है कि उसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए मौजूदा वार्षिक पारिवारिक आय की अधिकतम सीमा आठ लाख रुपये ही रखेगी। एक याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने सरकार के हलफनामे पर जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए पीठ से समय मांगा है। केंद्र सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने यह फैसला किया है।

सरकार ने तीन सदस्यों की एक कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए हलफनामे में कहा है कि वह आठ लाख रुपए तक की सीमा पर कायम है। सरकार द्वारा 30 नवंबर को गठित इस कमेटी में अजय भूषण पांडे (पूर्व वित्त सचिव), वी.के. मल्होत्रा, (सदस्य सचिव, आईसीएसएसआर) और केंद्र सरकार के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल शामिल थे।
कमेटी ने 31 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट सरकार को दी थी, जिसमें आठ लाख रुपए तक की वार्षिक आय सीमा वालों को ही ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आरक्षण जाने को उचित बताते हुए इसे लागू करने की की सिफारिश की है।

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