अमृत उद्यान!

आशा विनय सिंह, नई दिल्ली। रायसीना पहाड़ी पर स्थित राष्ट्रपति भवन (वाइसरॉय हाउस) के पीछे बना हुआ अमृत उद्यान तत्कालीन वाइसरॉय लार्ड होर्डिंग की पत्नी लेडी होर्डिंग की इच्छा और सर एडविन लुटियंस की वास्तुकला का अद्धभुत संगम है। 113 एकड़ में फैला हुआ अमृत उद्यान वस्तुतः ब्रिटिश और मुगल शैली में बना हुआ कई उद्यानों (चार बाग स्टाइल) का सम्मिलित रूप है।

यह उद्यान प्रतिवर्ष फ़रवरी-मार्च माह में (एक वर्ष अपवाद) जनता के लिए खोला जाता है। प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद से लेकर तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद तक लगभग सभी ने इसमें कुछ जोड़ा, सुधार किया है। डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने इसे जनता के लिए खोला, डॉक्टर जाकिर हुसैन इसमें गुलाबों की विभिन्न प्रजातियां लाए तो कलाम साहब ने बोनसोई गार्डन के प्रति विशेष रुचि दिखाई।

अमृत उद्यान घूमने हेतु निःशुल्क ऑनलाइन बुकिंग एक सप्ताह पहले से की जा सकती है। सीधे प्रवेश भी है लेकिन लंबी लाइन लगती है। छुट्टियों के दिन भीड़ अधिक रहती है। खाने-पीने का सामान अंदर ले जाना प्रतिबंधित है। वस्तुतः cloak room में सामान जमा करना और प्राप्त करना श्रमसाध्य है। पेयजल और बाथरूम की सुविधा अंदर भी उपलब्ध है। सोमवार को उद्यान बंद रहता है।

विशेष नोट– अभी कुछ दिन पूर्व तक अमृत उद्यान का नाम मुगल गार्डन था।

आशा विनय सिंह बैस, लेखिका

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