कोलकाता: राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत नए पात्र लाभार्थियों को शामिल करने को मंजूरी देने वाले केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की नई अधिसूचना से पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार का एक और द्वार खुल जाएगा। यह बात राज्य विधानसभा विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को कही। यह इंगित करते हुए कि राज्य के पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने जिलाधिकारियों को प्रतीक्षा सूची में प्रत्येक व्यक्ति को पात्र या योग्य नहीं के रूप में चिह्न्ति करने के लिए एक भौतिक सत्यापन प्रक्रिया आयोजित करने के लिए कहा है।
शुभेंदु ने दावा किया कि यह सत्तारूढ़ दल के लिए पंचायत चुनाव से पहले जनता का पैसा लूटने का अंतिम मौका होगा।अधिकारी ने दावा किया है कि सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने वाली पंचायतों के साथ, तीन संभावित परिदृश्यों की परिकल्पना की जा सकती है। पहला यह है कि प्रतीक्षा सूची में शामिल व्यक्तियों से बड़ी मात्रा में कट मनी वसूल की
जाएगी। इस प्रक्रिया में जो वास्तव में पात्र हैं, उन्हें योग्य नहीं के रूप में चिह्न्ति किया जाएगा।
दूसरा, उनके रिश्तेदार, मित्र और सहयोगी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को फायदा होगा। अनैतिक रूप से दस्तावेजों में हेरफेर करके उन्हें चयन के मानदंड में फिट नहीं होने पर भी पात्र के रूप में चिह्न्ति किया जाएगा। अधिकारी के मुताबिक सत्यापन प्रक्रिया पंचायत चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने का जरिया होगी और लाभार्थी के रूप में चयन के बदले राजनीतिक वफादारी मांगी जाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत स्तर के तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की अवैध आय के प्रवाह के संबंध में पिछले कुछ समय से सूखा पड़ा है। अधिकारी ने कहा, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आवास योजना और मनरेगा में शिकंजा कस दिया है। अगस्त में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले लूट करने का यह उनका आखिरी मौका है।