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कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित नारदा घोटाले में अब नया मोड़ आ गया है। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने इस केस में ईडी व सीबीआई के अधिकारियों को ही तलब कर लिया है। सूत्रों के मानें तो विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दोनों अधिकारियों को समन भेजा गया है। सूत्रों की मानें तो विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने दोनों जांच एजेसिंयों के अधिकारियों को यह समन इसलिए भेजा है क्योंकि अधिकारियों ने निर्वाचित सदस्यों पर कार्रवाई से पहले विधानसभा अध्यक्ष से इजाजत नहीं ली थी।
अधिकारियों को 22 सितंबर को हाजिर होने का आदेश दिया गया है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी की सरकार बनते ही उनके मंत्रियों के खिलाफ सीबीआई ने कार्रवाई शुरू कर दी थी। नारदा मामले में मई में तृणमूल कांग्रेस के चार मंत्रियों फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी का ममता बनर्जी ने भी कड़ा विरोध जताया था।
उधर, पश्चिम बंगाल के चर्चित कोयला घोटाले में ममता सरकार में कानून मंत्री मलय घटक ईडी के सामने पेश नहीं हुए। कोयला घोटाले में ईडी की ओर से मलय घटक को सोमवार को समन भेजा गया था। उन्हें मंगलवार को पेश होने के लिए कहा गया था। सूत्रों के मुताबिक, मलय घटक का कहना है कि इतने कम समय में ईडी के सामने पेश नहीं हुआ जा सकता।
उन्होंने अपील की है कि सुनवाई वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से ही की जाए।साल 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप का खुलासा किया गया था। ऐसा दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे।
इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक और कोलकाता के मेयर को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से रकम लेते दिखाया गया था। यह स्टिंग ऑपरेेेशन नारदा न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने किया था। साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन टेप की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था।