मुंगेर, बिहार का एक पुराना ऐतिहासिक नगर

राजीव कुमार झा, मुंगेर : बिहार के पुराने जिलों में मुँगेर का नाम शामिल है! मुँगेर एक ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व का नगर है। महाभारत में कर्ण को यहाँ का राजा कहा गया है। यह गंगानदी के किनारे अवस्थित है और अब इस नदी पर पुल बन जाने से यहाँ कटिहार, पूर्णिया उत्तर बिहार के इन जिलों से भी सुगमता से पहुँचा जा सकता है। अब यह नगर विकास के पथ पर अग्रसर है और बिहार सरकार के द्वारा यहाँ यूनिवर्सिटी की स्थापना भी की गयी है। यहाँ के आर.डी. एंड डी.जे. कालेज की गिनती बिहार के अच्छे कालेजों में होती है। मुँगेर का योग विद्यालय विश्व प्रसिद्ध है। प्राचीनकाल में पालवंश के राजाओं के सामंत यहाँ से बिहार के सुदूर इलाकों पर शासन किया करते थे और इसके बाद बंगाल के नवाबों ने इस नगर को अपने शासन का केंद्र बनाया।

जमालपुर इस नगर का पड़ोसी शहर है और यहाँ प्रसिद्ध रेल कारखाना है। मुँगेर में बिहार सरकार के द्वारा स्थापित होमियोपैथी मेडिकल कालेज और अस्पताल भी यहाँ का प्रमुख चिकित्सा संस्थान है और कानून की पढ़ायी के लिए विधि महाविद्यालय भी है। स्वतंत्रता आंदोलन में इस नगर के निवासियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया था। यहाँ का गंगातट शांत और सुंदर है! मुंगेर की बड़ी दुर्गा माता भी पूरे भारत में प्रसिद्ध है।

हालाकि पिछले दिनों मुँगेर का नाम अवैध हथियारों के निर्माण और एके47 राइफलों के कारोबार के अड्डे के रूप में भी काफी चर्चित हुआ और इस दौरान बिहार पुलिस के अलावा देश की अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा इसके खिलाफ चलाये जा रहे अभियानो से यहाँ के अवैध हथियारों के कारोबार को खत्म करने के प्रयास किये जा रहे हैं। यहाँ 97 वर्ष पुराना श्रीकृष्ण सेवा केंद्र नामक एक पुस्तकालय भी है और इसमें संग्रहित पुस्तकों को पढ़ने के लिए काफी पाठक आते हैं।

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