छत पर टेरेस गार्डन के जरिये पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे खंडवा के मुकेश काले

विश्व पर्यावरण दिवस विशेष

खंडवा, मध्य प्रदेश । रंग-बिरंगे फूलों और हरियाली के बीच रहना किसे पसंद नहीं। इसके लिए कहीं दूर जाने की भी आवश्यकता नहीं, हम अपने घर पर ही मनोरम प्राकृतिक वातावरण पा सकते हैं। बस बेहतर सोच, प्रबंधन और थोड़ी मेहनत की जरूरत है। खंडवा के दादाजी वार्ड में रहने वाले मुकेश काले ने इसे साकार कर दिखाया है। मुकेश काले ने आठ साल की कड़ी मेहनत से घर की छत पर मिनी गार्डन बना रखा है। जिसका नाम “मन गार्डन” रखा है साथ ही विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे लगा रखे है। पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देने हेतु इन्होंने टेरेस गार्डन बनाया जिसमे अधिकतर पेड़ गमलों में लगे हैं। इस कारण से भी इन्हें पोषक तत्वों की ज्यादा आवश्यकता होती है। पौधों में सूक्ष्म तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए सरसों की खली, बेसन, विभिन्न प्रकार की दालों का आटा, सोयाबीन का आटा, सहजन की पत्ती आदि के उपयोग से जैविक माइक्रोन्यूट्रिएंट तैयार कर समय-समय पर पौधों को दिया जाता है।

मुकेश जी ने बताया कि महामारी के समय से घरों में रहनेवाले बच्चे अब पार्क की कमी महसूस कर रहे थे वहीं बुजुर्गों के लिए भी ताजी हवा ले पाना मुश्किल हो गया था। टेरेस गार्डन से इस ख्वाहिश को पूरा कर सकते हैं. प्रकृति से प्रेम और बागवानी का शौक रखने वाले तमाम लोगों की ख्वाहिश को टेरेस गार्डन के जरिये पूरा किया जा सकता है। टेरेस गार्डन घर में बगिया की कमी को बखूबी पूरा करता है। इसे कोई भी अपने घर की छत या बालकनी पर तैयार करवा सकता है।
उन्होंने कहा की सुबह आंखें खुलते ही घर की छत पर और आस-पास गौरेया, मैना व अन्य पक्षियों की चहक मन को मोह लेती है। घरों के बाहर फुदकती गौरेया बच्चों सहित बड़ों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। गर्मियों में घरों के आसपास इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियों से भी प्रेम करें और उनका विशेष ख्याल रखें।

मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियों को पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्य तो पानी का संग्रहण कर रख लेता है, लेकिन परिंदे व पशुओं को तपती गर्मी में यहां-वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर पड़ते हैं। इसलिए अपने घर की छत पर बर्ड हाउस बनाने का विचार आया। मैं और मेरी पत्नी पूर्णिमा काले और मेरे पुत्र आदित्य अथर्व पूरे परिवार ध्यान रखते है। कितने ही चिड़ियों और कबूतरों ने यह अपना घोंसला भी बना रखा है। मुकेश काले ने और लोगो से भी अपील की है कि वह भी अपने घरों में इस तरह की व्यवस्था करे, नही कर सकते तो घरों के बाहर पानी के बर्तन भरकर टांगें या बड़ा बर्तन अथवा कटोरा पानी भरकर रखें, जिससे मवेशी व परिंदे पानी देखकर आकर्षित होते हैं।

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