कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मिथुन चक्रवर्ती अब भाजपा की संगठनात्मक गतिविधियों में जमीनी स्तर पर बड़ी भूमिका निभाएंगे। मिथुन 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन उनकी गतिविधियां मुख्य रूप से पार्टी के लिए मेगा अभियान रैलियों में भाग लेने तक ही सीमित थीं। हाल ही में, कोलकाता में मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वह अब राज्य में पार्टी की गतिविधियों पर अधिक ध्यान देंगे। दरअसल, अगले दो वर्षों में होने वाले दो बड़े चुनाव, 2023 में पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा की राज्य इकाई को लगता है कि सुपरस्टार को पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियों में बड़े पैमाने पर शामिल करने का यह सही समय है।
भाजपा की राज्य कमेटी के एक सदस्य ने कहा कि मिथुन चक्रवर्ती के लिए इस सिलसिले में अगले कुछ दिनों के लिए विस्तृत कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। इसकी शुरूआत 23 नवंबर को होगी, जब चक्रवर्ती और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सुकांत मजूमदार, पश्चिम बंगाल के आदिवासी बहुल पुरुलिया जिले में पंचायत स्तर के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे।
24 नवंबर को, चक्रवर्ती और सुकांत मजूमदार दोनों एक अन्य आदिवासी बहुल जिले बांकुड़ा में होंगे, जहां उस दिन स्थानीय पार्टी नेताओं के साथ बैठक में भाग लेने के अलावा, वे 25 नवंबर को वहां एक रैली को भी संबोधित करेंगे। इसी तरह के कार्यक्रम पश्चिम बर्दवान के आसनसोल में 26 नवंबर और बीरभूम जिले में 27 नवंबर को निर्धारित किए गए हैं।
पार्टी नेतृत्व राज्य में आदिवासी बहुल क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, इसका कारण यह है कि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों और 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है।
17 अक्टूबर को बीजेपी की राज्य इकाई ने कोर कमेटी में बड़े फेरबदल की घोषणा की और वहां मिथुन चक्रवर्ती को शामिल किया। कुल 24 नेताओं को कोर कमेटी में जगह दी गई है, इस तरह यह राज्य में पार्टी की अब तक की सबसे बड़ी कोर कमेटी बन गई है। 24 सदस्यीय समिति में पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के प्रभारी सुनील बंसल और राज्य के केंद्रीय पर्यवेक्षक मंगल पांडे, अमित मालवीय और आशा लाकड़ा के चार स्थायी सदस्य शामिल हैं।