पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री, वाराणसी । जैसे पानी की बडी से बडी टंकी एक छोटा सा छेद हो जाने पर खाली होती रहती है और उसमें जरा सी एमसील लगा देने से वो पुनः पूरी भरी रहती है… ऐसे ही हमारी जिंदगी में छोटा भाग्यदोष परेशानियों का कारण बना रहता है। ऐसी ही बाधाओं से बचने के लिए कुछ परखे हुऐ आसन से उपाय…
1- घर की पूर्व दिशा में लगे हुए किसी भी वट वृक्ष की जड़ को शुभ मुहूर्त में निकालकर पास रखने से राहु ग्रह की पीड़ा शांत होती है।
2- यदि राहु ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करना हो तो जल में वट पत्र को डालकर उस जल से स्नान करना चाहिए, ये स्नान बुधवार से शुरू करें तो यह राहु के दुष्प्रभाव को मिटाने का सरल और प्रभावी तरीका है।
3- अमावस्या वाली चतुर्दशी के दिन वट वृक्ष की जड़ में दूध चढ़ाने से कुल देवों जनित बाधा दूर होती है।
4- गिरी के गोले में छेद करके उसमें मेवा और शक्कर भर दें तथा उसे मंगलवार के दिन, बिना किसी के टोके जमीन में दबा दें। इससे केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव शांत होता है।
5- प्रत्येक शुक्रवार महालक्ष्मी पूजन में सीताफल को शामिल करने से दरिद्रता योग का नाश होता है। दीपावली पर इसे पूजन में रखना शुभ होता है।
6- चन्द्र ग्रह की पीड़ा शांत करने हेतु चमेली के पुष्प अर्पित कर चन्द्र पूजन करना चाहिए।
7- शिवजी को शहद युक्त जल व नित्य चमेली का फूल अर्पित करने से भूत-प्रेत बाधा दूर होती है।
8- जिस व्यक्ति को नजर लगी हो तो उसके ऊपर घोडे या नाव के लोहे की कील 8 बार उतारकर गूलर वृक्ष के तने में ठोंक दें नजर उतर जाती है यह टोटका दुकान, मकान, आफिस, व्यापार की नजर उतारने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है, तुरंत प्रभाव दिखाऐगा।
9- किसी भी प्रकार के प्रमेह-मधुमेह को दूर करने के लिए गूलर की लकड़ी का शहद और गन्ने के रस के साथ हवन करना चाहिए। इससे डायबिटीज़ कंट्रोल होने लगेगा… 7 हफ्ते तक नित्य करके देखिए।
10– अनिंद्रा की स्थिति में मेहँदी या मौगरे के फूल सिरहाने के पास रखने से नींद अच्छी आने लगती है।
11- बिल्ब, देवदारु की जडें और गूगल को समभाग कूटकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की धूनी देने से भूत प्रेत पीडित व्यक्ति शांत हो जाता है… सात दिन तक नित्य करने से भूत भाग जाते हैं।
12- भविष्य पुराण के अनुसार जो व्यक्ति मदार का पुष्प शिवजी पर अर्पित करता है उसे भूत-प्रेत बाधा और पितर दोष नहीं सताते हैं।
13- ऊपरी व्याधियों के शमन के लिए पलाश के पत्तों की पत्तल में कुछ दिन निरंतर भोजन करना चाहिए।
14- दूर्वा की जड़ पास रखने से राहु पीड़ा शांत होती है।
15- भरणी नक्षत्र में निकाली गई ग्वारपाठे की जड़ को अपने पास रखने से शस्त्राघात से मृत्यु भय नहीं रहता।
16- हरसिंगार के पुष्प प्रत्येक पूर्णिमा को बाबड़ी में डालने से चन्द्र पीड़ा व मानसिक रोग दूर होते हैं। 10 पूर्णिमा अवश्य करें।
17- शुक्लपक्ष की नवमी तिथि के दिन आंवले के वृक्ष का पूजन करने से सौभाग्य में वृद्वि होती है। वैधव्य दोष का नाश होता है। पति की आयु वृद्धि के लिऐ माता बहनें 16 नवमी अवश्य करें।
18- तीन देशी गुलाब, तीन बेला के पुष्प व घोड़ेे की नाल का लोहा पानी के कुएं/बाबड़ी में डालने से रुका हुआ कार्य बनने लगता है।
19- प्रत्येक अमावस्या की रात 12 बजे, माँ भैरवी का स्मरण करके, घर की छत या आँगन में खडे होकर, एक हरा नींबू, ग्रह स्वामी या ग्रहणी के ऊपर सात बार क्लौक वाइज उतार कर खडे में चार टुकडे करके बिना टोके चारों दिशाओं में फेंकते रहने से परिवार में शांती व तरक्की स्थापित हो जाती है तथा सभी वास्तूदोष शांत रहते हैं।
20- सही काले घोड़े की अभिमंत्रित नाल घर या ऑफिस के मुख्य दरवाजे पर लगाने या इसकी बिना लाल तपाऐ बनी, सही विधि से अभिमंत्रित रिंग, शनि उँगली में पहनने से सभी पाप ग्रहों का प्रभाव, टोने-टोटकों का असर एवं सभी ऊपरी बाधाएं शांत रहती हैं।
21- किसी योग्य वैदिक ज्योतिष या परमानंद संत के श्रद्धा विश्वास से दरश-परस, दक्षिणा, प्रदिक्षणा करने मात्र से सभी दुख दूर होने लगते हैं।
ये टोटके विधिवत, विश्वास व श्रद्धा पूर्वक करके तो देखिए… चमत्कार ही होगा। यदि बार बार रुकावटें और मनोकामना पूर्ति में दिक्कतें आ रही हों तो किसी योग्य ज्योतिष-ज्ञानी से परामर्श लेकर कुंडली के योग-दोष दिखाकर उसके मार्गदर्शन में उपाय करने से अवश्य लाभ होता है।
जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
9993874848