तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर । मेदिनीपुर सदर प्रखंड के पाथरा क्षेत्रीय सांस्कृतिक मंच की पहल और प्रबंधन के तहत भारत के 11वें राष्ट्रपति भारत रत्न मिसाइल मैन स्व. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का 92वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। मुख्य कार्यक्रम सदर प्रखंड के पलजागुल कालीमंडी से सटे मैदान में हुआ। इस अवसर पर सुबह-सुबह रंगारंग शोभायात्रा का आयोजन गांव के विभिन्न रास्तों के आसपास किया गया। आज सुबह जुलूस में करीब चार सौ विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक, आईसीडीएस कर्मी, क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और सहायकों, आशा कार्यकर्ताओं सहित कई आम लोग उपस्थित थे। जहां उपस्थित लोगों ने कलाम के शब्दों वाली तख्तियों के साथ भाग लिया।
सामाजिक कार्यकर्ता असित सेनगुप्ता ने प्रभातफेरी की शुरुआत की। बाद में दोपहर मंगलदीप प्रज्जलन और डॉ. कलाम के चित्र पर माल्यार्पण के साथ चर्चा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। स्वागत भाषण में सांस्कृतिक मंच के वरिष्ठ सदस्य पूर्व शिक्षक तपन सेनगुप्ता ने श्रोताओं को सांस्कृतिक मंच के मुख्य उद्देश्यों और योजनाओं की जानकारी दी। डॉ. कलाम के जीवन और शब्दों पर चर्चा में नेडाजोल कॉलेज के प्रोफेसर ने एक दिलचस्प भाषण दिया।
मंगल नाइक, इलाहीगंज अल-अमीन मिशन के प्रधानाध्यापक शेख इसराफिल अली, तेल्या विद्यासागर विद्यामंदिर के प्रधानाध्यापक अरूप कुमार घोष, विद्यासागर विद्यापीठ के प्रधानाध्यापक अरूप कुमार भुइंया, इलाहीगंज उच्च मदरसा के सहायक शिक्षक शेख ताजमल हुसैन, झेंटला हाई स्कूल के प्रधानाचार्य नारायण प्रसाद चौधरी, चुआडंगा हाई स्कूल के शिक्षक सुदीप कुमार खाड़ा आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
स्थानीय विधायक दीनेन राय और मेदिनीपुर सदर पंचायत समिति के अध्यक्ष श्रावंती मंडल ने अपने भाषण में कलाम की जीवनी पर चर्चा की और अपने दिलचस्प भाषण के माध्यम से इस सांस्कृतिक मंच के विकास की कामना की। इस आयोजन को सफल बनाने में प्रख्यात वकील प्रसन्नजीत घोष ने मदद की। प्रसिद्ध संगीत कलाकार मतुआर मलिक और स्थानीय कलाकारों ने गायन और नृत्य में भाग लिया। पूरे कार्यक्रम का संचालन रामानंद साव और शेख जियारत अली ने किया।
प्रतिष्ठित वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता पंकज पात्रा ने अध्यक्ष की कुर्सी ग्रहण की। कार्यक्रम का क्षेत्र पर बहुत प्रभाव पड़ा और कई हजार दर्शकों के साथ यह एक शानदार सफलता थी। उक्त क्षेत्र में स्वस्थ संस्कृति प्रथाओं को फैलाने के उद्देश्य से कुछ महीने पहले संगठन का आंदोलन शुरू हुआ है। संस्कृति के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित क्षेत्रों के पैंतालीस सांस्कृतिक विचारों वाले व्यक्तियों के साथ एक समिति का गठन किया गया है।