नयी दिल्ली। गृह मंत्रालय के मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए शांति समिति गठित करने के एक दिन बाद अधिकतर कूकी सदस्यों ने पैनल में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके समर्थकों की मौजूदगी का विरोध करते हुए पैनल का बहिष्कार करने की बात कही है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक कूकी सदस्यों का कहना है कि पैनल में शामिल करने के लिए उनसे सहमति नहीं ली गई है।
उनका तर्क है कि केंद्र सरकार को वार्ता के लिए सहायक परिस्थितियां बनानी चाहिए। बता दें कि शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर के अलग-अलग समूहों के बीच शांति स्थापित प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक शांति समिति की घोषणा की थी। राज्य की गवर्नर अनुसूइया उइके के नेतृत्व वाली इस समिति में कुल 51 सदस्य हैं।
इस समिति में शामिल कई लोगों ने अख़बार को बताया है कि उन्हें सहमति लिए बिना ही समिति का हिस्सा बना दिया गया है। ऐसे ही एक सदस्य कूकी इनपी मणिपुर (केआईएम) के अध्यक्ष अजांग खोंगसाइ ने कहा है कि वो मणिपुर सरकार के साथ शांति वार्ता में नहीं बैठेंगे।
द हिंदू से बात करते हुए खोंगसाई ने कहा, “इस पैनल में इंफाल में सक्रिय नागरिक समूह कोकोमी (मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति) भी है, जिसने कूकी लोगों के ख़िलाफ़ युद्ध घोषित कर रखा है। हम शांति चाहते हैं लेकिन इस अहम पड़ाव पर, जब हिंसा जारी है, हम मणिपुर सरकार के साथ वार्ता नहीं कर सकते हैं।