ममता के आदिवासी मंत्रियों ने की शुभेंदु अधिकारी को नेता प्रतिपक्ष पद से हटाने की मांग

कोलकाता। ममता मंत्रिमंडल की दो आदिवासी सदस्यों ने विधानसभा में विपक्ष के नेता भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है। राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार को भाजपा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने वाले तृणमूल नेता अखिल गिरि को मंत्री पद से हटाने की मांग की। इसके जवाब में तृणमूल की आदिवासी विधायक बीरबाहा हांसदा ने विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी विधानसभा सदस्यता खारिज करने की मांग की।

वन विभाग की राज्य मंत्री बीरबाहा हांसदा और खाद्य विभाग की राज्य मंत्री ज्योत्सना मंडी ने आरोप लगाया है कि शुभेंदु ने आदिवासी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है इसलिये उन्हें नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाया जाना चाहिये। सोमवार को विधानसभा का सत्र शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने अखिल गिरी के बयान को लेकर नारेबाजी की। भाजपा विधायक दल की ओर से विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाया गया।

हालांकि, मामला विचाराधीन होने के कारण विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अखिल को हटाने की मांग वाले प्रस्ताव को रद्द कर दिया। इसके बाद दोपहर करीब साढ़े 12 बजे विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायक विधान सभा भवन में नारेबाजी करने लगे। बाद में उन्होंने वाकआउट किया।

इसके बाद बीरबाहा और ज्योत्सना ने शुभेंदु को नेता प्रतिपक्ष पद से हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि आदिवासी विधायक बीरबाहा के बारे में शुभेंदु की टिप्पणी से पूरे समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्हें नेता प्रतिपक्ष के पद से भी हटाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने तृणमूल संसदीय दल से विपक्षी नेता की आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने का भी अनुरोध किया।

उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व शुभेंदु ने तृणमूल की आदिवासी विधायक बीरबाहा को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी। हालांकि शुभेंदु के मुताबिक उन्होंने किसी का नाम लेकर कुछ नहीं कहा है। विपक्षी दल के नेता के शब्दों में, ””मैंने उनसे (बीरबाहा) कुछ नहीं कहा। वह बयान से खुद को जोड़ रही हैं।

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