कोलकाता। हरियाणा के फतेहाबाद में रविवार को पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती के अवसर पर इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) की रैली में तृमणूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) शामिल नहीं होगी। इनेलो के नेता ओमप्रकाश चौटाला द्वारा आयोजित रैली में जदयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, राजद के तेजस्वी यादव, एनसीपी के शरद पवार, डीएमके के कनिमोझी, सीपीएम के सीताराम येचुरी और राजस्थान के निर्दलीय सांसद हनुमंत बेनीवाल होंगे। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे सभा में शामिल हो सकते हैं।
इनेलो के नेता ओमप्रकाश चौटाला ने तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को रैली में आमंत्रित किया था। पार्टी ने फैसला किया है कि राज्यसभा के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर रॉय रैली में शिरकत करेंगे लेकिन अब भी तृणमूल के इस फैसले में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। इस रैली में विधायक विवेक गुप्ता को भेजने की बात चल रही है। जिनका राष्ट्रीय राजनीति में बहुत ही कम महत्व है। बता दें कि इस रैली में कांग्रेस को आमंत्रित नहीं किया गया है।
ऐसी स्थिति में जब विभिन्न क्षेत्रीय दल अपने शीर्ष नेताओं को इस कांग्रेस विरोधी सभा में भेज रहे हैं, तो तृणमूल संसदीय शीर्ष नेता को क्यों नहीं भेज रही है? पार्टी ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया। राजनीति गलियारों में ऐसे कयास लगाये जा रहे है कि विपक्षी पार्टियां तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश कर रही है. सियासी गलियारों में यह भी सवाल खड़ा हो गया है कि क्या ममता बनर्जी की पार्टी विपक्षी राजनीति से अलग हो गई है?
जिस रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को नई दिल्ली आ रहे हैं। उनके हरियाणा की सभा के अगले दिन सोमवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मिलने की उम्मीद है। राजनीतिक खेमे के मुताबिक हरियाणा की सभा देश विरोधी राजनीति के लिए अहम होने जा रही है। इस रैली में कांग्रेस चाहे तो बाहर से भी शामिल हो सकती है। ऐसे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का इस रैली में शामिल ना होना कई सवाल खड़े कर रहा है।