कोलकाता। पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव से पहले जिला सफर पर निकलीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं को महत्वपूर्ण टास्क दिया है। उन्होंने पूर्व मेदिनीपुर के हेलीपैड ग्राउंड पर हेलीकॉप्टर पर सवार होने से पहले कई पार्टी नेताओं से बात की। बनर्जी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना के लिए जो लोग भी काम कर रहे हैं उनका फंड केंद्र सरकार नहीं दे रही। इसके अलावा आवास योजना, सड़क निर्माण समेत कई अन्य योजनाओं का फंड रोका गया है। आप लोगों का काम घर घर जाकर बंगाल के सामान्य लोगों को यह बताना है कि किस तरह से लोगों को परेशान करने के लिए केंद्र ने पश्चिम बंगाल का फंड रोक रखा है।
दरअसल रमजान का महीना खत्म होते ही दिल्ली में केंद्र के खिलाफ धरने की तैयारी में तृणमूल कांग्रेस है। अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में एक दिन पहले ही तृणमूल सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार के प्रतिनिधि से मुलाकात कर इस संबंध में आपत्ति जताई है। इसके बाद अब ममता बनर्जी इसे घर-घर पहुंचाने की कोशिश में जुटी हुई हैं। ममता ने कहा है कि केंद्र ने 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना का 60 हजार करोड़ रुपये रोक रखा है ताकि पश्चिम बंगाल के लोग इससे परेशान हों। राज्य सरकार ने 40 लाख कार्य दिवस इसी रोजगार गारंटी योजना के तहत सृजित किया था जो पूरे देश में सबसे अच्छा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सरकार पर केंद्रीय फंड का हिसाब नहीं देने के आरोप लगने के बाद केंद्र सरकार ने धनराशि का आवंटन बंद कर दिया है। आरोप है कि रोजगार गारंटी के नाम पर केवल सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं को नामजद कर केंद्रीय धन को गबन किया जा रहा है।