कोलकाता। पश्चिम बंगाल से भेदभाव का आरोप लगाकर भाजपा नित केंद्र सरकार के खिलाफ दो दिनों की धरना की शुरुआत बुधवार दोपहर से करने वाली ममता बनर्जी ने दावा किया है कि वह सरकार की ओर से नहीं बल्कि अपनी पार्टी की ओर से धरना पर बैठी हैं। हालांकि पिछले हफ्ते ओडिशा के पूरी जाने से पहले उन्होंने हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि मैं मुख्यमंत्री के तौर पर धरने पर बैठूंगी। लेकिन दिनों के अंदर ही उन्होंने अपने बयान बदल दिए हैं। बुधवार दोपहर जब वह धरने पर बैठीं तो उनके मंच पर तृणमूल कांग्रेस का लोगो लगा हुआ था।
इसे लेकर जब सवाल खड़ा होना शुरू हुआ तो उन्होंने माइक लेकर संबोधन किया। ममता ने कहा, “मैं सरकार की ओर से नहीं बल्कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से धरना पर बैठी हूं। “हालांकि उनके मंच पर उनके कैबिनेट के मुख्य चेहरे मौजूद हैं जिनमें मंत्री अरूप विश्वास, फिरहाद हकीम, चंद्रिमा भट्टाचार्य, शशि पांजा आदि शामिल हैं। दोपहर 12:00 बजे से ममता ने अपना धरना शुरू किया। कुछ घंटे के बाद अरूप विश्वास उठ कर गए और ममता के समीप जाकर कुछ बोल रहे थे। उसके बाद ही ममता बनर्जी ने माइक हाथ में लिया और मंच पर बज रहा गाना रोककर उन्होंने संबोधन शुरू किया।
ममता ने कहा, “मेरे पास दो पद हैं। एक के तहत मैं राज्य की मुख्यमंत्री हूं। इसके मुताबिक अगर राज्य के लोग किसी भी तरह से वंचित होंगे तो मुझे अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। दूसरी ओर मैं तृणमूल कांग्रेस की अखिल भारतीय अध्यक्ष हूं। तृणमूल कांग्रेस की सरकार राज्य में है। इसलिए आज का कार्यक्रम सरकार की ओर से नहीं बल्कि तृणमूल की ओर से हो रहा है। मैं अपनी पार्टी की ओर से धरने पर बैठी हूं।” उन्होंने कहा कि सरकारी पैसे का खर्च कर यह कार्यक्रम नहीं हो रहा। उल्लेखनीय है कि गुरुवार शाम 7:00 बजे तक वह धरने पर रहेंगी।