Kolkata Desk : ममता सरकार की 5 रुपये में माँ योजना के अंतर्गत दोपहर 1 बजे से 3 बजे भरपेट खाना भात और अंडाकरी दिया जा रहा है। परन्तु मध्य कोलकाता की समाज सेविका पूर्णिमा चक्रवर्ती का कहना है कि सरकार को इन गरीबों से 5 रुपये न लेकर मुफ्त में इन्हें खिलाना चाहिए। इसके लिए वो खुद प्रतिदिन माँ योजना के अंतर्गत चावल और अंडा करी खिलाने वाले काउंटर पर खड़ी रह कर गरीबों से खाना खाने का अनुरोध करती हैं और उनके खाने का 5 रुपया अपनी तरफ से चुकाती हैं।
हालांकि ये उनके सरकार द्वारा 5 रुपये लेने के विरोध करने का अपना एक तरीका है और इस प्रकार से अपना विरोध प्रकट करके मुख्यमंत्री से मांग कर रही है कि ₹5 के बदले गरीबों को प्रतिदिन खाना माँ योजना के अंतर्गत मुफ्त में दिया जाए।
क्या है माँ भोजन वितरण योजना जाने :
इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गरीब लोगों को 5 रुपये की थाली में चावल और अंडा करी परोसा जा रहा है। इन रसोई घरों का संचालन स्व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है और ये हर दिन दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक खुल रहे हैं। इस योजना का विस्तार धीरे-धीरे पश्चिम बंगाल के अन्य शहरों में भी किया जाएगा। इस योजना के तहत राज्य सरकार का लक्ष्य गरीब लोगों को 5 रुपये में (5 rupee meal scheme) माँ योजना के तहत भरपेट भोजन उपलब्ध करवाना है।