कोलकाता: सियासी उठापटक और कोर्ट की दखल के बाद आखिरकार पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को पूर्व मेदिनीपुर में दुर्गा पूजा आयोजित करने की अनुमति मिल गई। यह अनुमति कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से दी गई है। इससे पहले बंगाल सरकार की ओर से दुर्गा पूजा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। दरअसल, जिस जमीन पर इस दुर्गा पूजा का आयोजन होता है, वह राज्य सिंचाई विभाग की है। ऐसे में ममता बनर्जी की सरकार ने इजाजत देने से मना कर दिया था।
ममता प्रशासन की ओर से दुर्गा पूजा की इजाजत नहीं दिए जाने के बाद राज्य की राजनीति तेज हो गई थी। प्रशासन के रवैये के खिलाफ शुभेंदु अधिकारी ने कोर्ट का सहारा लिया था। दुर्गा पूजा की इजाजत देते हुए हाईकोर्ट में कहा कि इसके बाद होने वाले लक्ष्मी पूजा के समापन उपरांत आयोजकों को 18 अक्टूबर तक मैदान खाली कर देना होगा।
यह फैसला हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार और न्यायाधीश केसांग डोमा भूटिया की पीठ ने शुभेंदु अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर सिंचाई विभाग के मैदान में दुर्गा पूजा करने की अनुमति दी। शुभेंदु अधिकारी और चौरंगी रिक्रिएशन क्लब पूर्वी मेदिनीपुर के कांथी में 22 साल से दुर्गा पूजा का आयोजन करता रहा है।
हालांकि इस बार प्रशासन ने शुभेंदु अधिकारी को अनुमति देने से इंकार कर दिया था। चौरंगी रिक्रिएशन क्लब के अध्यक्ष शुभेंदु अधिकारी हैं। ममता सरकार से जब इजाजत तक नहीं मिली तो प्रशासन के फैसले को चुनौती देने के लिए अधिकारी ने कोलकाता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
राज्य सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि सिंचाई विभाग की जमीन पर फिलहाल बहुत सारा सामान रखा हुआ है। बारिश में उसे हटाना संभव नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने अपना एक प्रतिनिधि भेजा। प्रतिनिधि ने कोर्ट को जो रिपोर्ट सौंपी उसमे बताया गया कि फिलहाल पूजा स्थल पर कोई सामान नहीं है और इसी आधार पर शुभेंदु अधिकारी को वहां दुर्गा पूजा की अनुमति दी गई।