कोलकाता। ममता बनर्जी देश में गैर बीजेपी-गैर कांग्रेस तीसरा मोर्चा खड़ा करने की कोशिश में जुटी हुई हैं। यूपीए के वर्चस्व पर पहले ही सवाल खड़े कर चुकीं ममता बनर्जी ने अब दिल्ली में गैर बीजेपी शाषित राज्यों के मुख्यमंत्रियो का एक सम्मेलन कराने का प्रस्ताव रखा है। ममता बनर्जी की पार्टी पहले ही संसद में प्रिंसिपल अपोजीशन पार्टी कांग्रेस से दूरी बना चुकी है और ज्यादा दिन नहीं बीते जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ मुंबई में साझा प्रेस कांफ्रेंस में ममता ने यूपीए के वर्चस्व पर ही सवाल खड़े कर दिए थे।
बता दें कि यूपीए गठबंधन की अगुवाई कांग्रेस करती रही है। यही नहीं, बड़ी बात ये कि अब ममता बनर्जी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से बात करके जल्दी ही दिल्ली में गैर बीजेपी शाषित राज्यों के मुख्यमंत्रियो का सम्मेलन करने का प्रस्ताव दिया है। गौरतलब है कि अपने इस प्रस्ताव पर ममता बनर्जी ने अभी तक कांग्रेस से संपर्क नहीं किया है। ममता बनर्जी राहुल गांधी के विदेश दौरों पर भी हाल में सवाल खड़े कर चुकी हैं।
ममता की ताजा पहल पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा है कि इस संबंध में उन्हें ममता बनर्जी का फोन आया था और जल्दी ही राजधानी दिल्ली में गैर बीजेपी शाषित राज्यों के मुख्यमंत्रियो का सम्मेलन किया जाएगा। स्टालिन का दावा है कि डीएमके इन कोशिशों में अग्रिम भूमिका निभाएगी।
सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी ने आरजेडी से भी इस संबंध में संपर्क साधा है। देखना ये भी दिलचस्प होगा कि वाम दल इसका हिस्सा बनते हैं या नहीं। ममता की ये कोशिशें कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। अगर पांच राज्यों में चुनाव नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं रहते तो कांग्रेस के खिलाफ नए मोर्चे की लामबंदी तेज़ हो जाएगी।