कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर शुभेंदु अधिकारी से मिली हार को हाईकोर्ट में चुनौती देने वालीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इंतजार और बढ़ गया है। हाई कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई 15 नवंबर तक टाल दी है। सुनवाई टलने से यह भी तय हो गया है कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी को किसी और सीट से चुनाव जीतना होगा।
ऐसे में तृणमूल कांग्रेस की ओर से चुनाव आयोग से बार-बार अपील की जा रही है कि खाली हुई सीटों पर जल्द उपचुनाव कराया जाए। नंदीग्राम सीट से हारकर मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए 5 नवंबर से पहले विधानसभा का सदस्य बनना होगा। टीएमसी को डर है कि यदि कोरोना महामारी की वजहों से यदि उपचुनाव में देरी हुई तो ममता को इस्तीफा देना होगा।
विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद भवानीपुर सीट से जीते टीएमसी विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने यह सीट छोड़ दी है, ताकि ममता बनर्जी यहां से लड़ सकें। ममता बनर्जी 2011 से इस सीट पर दो बार विधायक बन चुकी हैं। लेकिन इस बार अपने पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी को चुनौती देते हुए ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से लड़ीं। लेकिन चुनाव पूर्व घोषणा के मुताबिक, अधिकारी ने इस सीट से जीत हासिल की। ममता बनर्जी को नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी के मुकाबले 2,000 वोटों से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। हालांकि उनका कहना था कि यह परिणाम गलत है और प्रशासन ने बीजेपी के दबाव में गलत परिणाम घोषित किया है।