कोलकाता। रामनवमी की शोभायात्रा को केंद्र कर हुगली जिले के रिसड़ा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहां के पार्टी नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक करने जा रही हैं। 20 अप्रैल को यह बैठक होने वाली है। इसमें हुगली जिले के पार्टी नेताओं के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के अन्य शीर्ष नेता शामिल होंगे। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे। इसकी वजह है कि दक्षिण दिनाजपुर जिले में उसी दिन उनकी जनसभा होनी है।
हाल ही में हुगली में हुई सांप्रदायिक हिंसा की वजह से देश भर में किरकिरी झेलने के बाद पार्टी के नेताओं के साथ ममता की बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। खास बात यह है कि यह पूरा क्षेत्र हिंदीभाषी बहुल इलाका है और यहां हुई हिंसा का क्या कुछ असर पंचायत अथवा लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है, इस बारे में मंथन होगा। इसके पहले 24 मार्च को कालीघाट स्थित अपने आवास पर मुख्यमंत्री ने बीरभूम के नेताओं के साथ बैठक की थी। 20 अप्रैल को होने वाली बैठक भी मुख्यमंत्री के आवास पर होगी।
पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया है कि हाल ही में गिरफ्तार किए गए आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी के समर्थन में जिस तरह से हुगली का फुरफूरा शरीफ उतरा था उसके बाद से अल्पसंख्यक वोट बैंक को लेकर क्या कुछ सोच है इस बारे में भी चर्चा होगी। बरहाल तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि मूल रूप से रामनवमी की हिंसा के बाद से बिगड़े हालात को लेकर ही चर्चा करने के बारे में जानकारी दी गई है।