सुई-धागे से आत्मनिर्भरता के पंख बुनती मालदा की “पाखी”

मालदा। ओल्ड मालदा के पबनापाड़ा इलाके की रहने वाली पाखी हलदर सुई-धागे से डिजाइन बुनकर आत्मनिर्भर बनने की राह दिखा रही हैं। इस बीच राज्य लघु एवं हस्तशिल्प विभाग की ओर से आयोजित प्रदर्शनी में महिला कलाकार पाखी हलदर की हस्तकला को पुरस्कृत किया गया है। वहीं, राज्य स्तर पर भी मालदा की महिला के हाथ की सुई-धागे की कारीगरी ने प्रसिद्धि हासिल की है।

अब पाखी हलदर का लक्ष्य इस प्रकार की हस्तकला को राष्ट्रीय स्तर पर लोगों तक पहुंचाना है। दिल्ली से भी उनके काम के लिए कॉल आ चुका हैं। पाखी हलदर भी घर बैठे दुपट्टा से लेकर चादर तक के डिजाइन बनाकर कमाई का जरिया बनने का रास्ता दिखा रही हैं। आठ नवंबर को मालदा जिला औद्योगिक केंद्र में हस्तशिल्प प्रदर्शनी व प्रतियोगिता आयोजित की गयी वहां उसकी कारीगरी से बनाया गया दुपट्टा पहला स्थान हासिल किया।

फिर 21 नवंबर को कोलकाता के इको पार्क में राज्य स्तरीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता हुई। वहां भी उनका बनाया दुपट्टा प्रथम स्थान पर पहुंचा। इस बार उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मौका मिला। दिल्ली में होगी प्रदर्शनी प्रतियोगिता तो अभी से अगली प्रतियोगिता की तैयारी का काम शुरू हो गया है।

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