मालदा। मालदा मेडिकल कॉलेज की अपनी अच्छी और बुरी दोनों खूबियां हैं। मालदा मेडिकल कॉलेज में इस समय करीब 14 लावारिश मरीजों का इलाज चल रहा है। जिनमें से अधिकांश आंशिक और गहन रूप से मानसिक तौर पर विक्षिप्त हैं। जिनकी देखभाल दिन में दो बार मेडिकल कॉलेज की ड्यूटी नर्स व स्वास्थ्यकर्मी करते हैं। सुबह नाश्ता से लेकर शौचालय, दोपहर का भोजन, नहाना, रात का खाना सब मेडिकल कॉलेज के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। उन्हे मुफ्त दवा देने की व्यवस्था है। मालदा मेडिकल कॉलेज सूत्रों के मुताबिक ऐसे लावारिस मरीजों को चिकित्सा सेवा देने के लिए अलग विभाग है। मानसिक रूप से पूरी तरह से असंतुलित लोगों के लिए भी एक अलग मनोरोग श्रेणी है।
वहां 24 घंटे स्वास्थ्यकर्मी और दो नर्स तैनात हैं। लेकिन अभी तक मेडिकल कॉलेज के अधिकारी ऐसे मरीजों को चिकित्सा सुविधा को मीडिया के सामने नहीं लाये हैं। लेकिन इस बार उन वार्डों की निगरानी करते हुए लावारिस मानसिक रोगी को परेशान करते चूहे की तस्वीर कैमरे में कैद हो गई व वह वायरल हो गया। किन्हीं कारणों से इस फोटो के वायरल होने के बाद मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज की सामान्य चिकित्सा सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने की पहल की है। मेडिकल कॉलेज के स्वास्थ्य कर्मी मिठू बासफोर ने बताया कि करीब 14 लावारिस मरीज हैं। उनकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है।
उनकी बच्चों को भी सेवा करनी होती है। हमें उनके भोजन की व्यवस्था से लेकर नियमित नहाने और शौच करवाने तक सब कुछ करना पड़ता है। इस प्रकार की सेवा मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों द्वारा लंबे समय से प्रदान की जाती रही है। मालदा मेडिकल कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ. पूरनंजय साहा ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में हमेशा आधुनिक और उन्नत सेवाएं रही हैं। संयोग से एक तस्वीर किसी तरह वायरल हुई। इसे लेकर बवाल हो गया है। लेकिन मेडिकल कॉलेज के अच्छे कामों को सभी को जानना चाहिए।