Kolkata Hindi News, कोलकाता। कोलकाता, लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल में राजनीतिक दलों ने दम दिखाना शुरू कर दिया है। यहां ममता बनर्जी ने राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है, जिसके बाद से लड़ाई दिलचस्प हो गई है। बंगाल में दमदम लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल है क्योंकि दमदम हवाई अड्डा इसी क्षेत्र में पड़ता है और कोलकाता से सटे होने की वजह से इसका एक लंबा चौड़ा राजनीतिक इतिहास रहा है। इस बार इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसद और वयोवृद्ध नेता सौगत राय पर ही भरोसा जताया है।
सदन में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मुखर विरोध के लिए वह जाने जाते हैं। हालांकि नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में घूस लेते उनका वीडियो वायरल हुआ था। एक कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर होने के बावजूद इस तरह से भ्रष्टाचार में वीडियो वायरल होने के बाद उनकी नैतिकता सवालों के घेरे में रही है।
इस बार उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने शीलभद्र दत्त को मैदान में उतारा है। हालांकि वह भी तृणमूल कांग्रेस के ही नेता रहे हैं लेकिन लंबे समय से भाजपा में हैं और इस बार सीधी टक्कर सौगत राय और शीलभद्र दत्त के बीच ही होनी है। यहां से ईंडी गठबंधन की ओर से वामदल से सुजन चक्रवर्ती को उम्मीदवार बनाया गया है।
क्या है भौगोलिक स्थिति?
दमदम पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तर 24 परगना जिले का एक शहर और नगर पालिका है। यह कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) द्वारा कवर किए गए क्षेत्र का एक हिस्सा है और कोलकाता मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण इलाका भी है। दमदम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की सात सीटें आती हैं, जिनमें खरदह, दमदम उत्तर, पानीहाटी, कमरहाटी, बारानगर, दमदम और राजारहाट गोपालपुर शामिल हैं।
क्या है राजनीतिक इतिहास?
दमदम लोकसभा सीट पर किसी पार्टी विशेष का दबदबा नहीं रहा है। हालांकि बीजेपी सहित विरोधी पार्टियां यहां पर केवल पांच चुनाव ही जीत पाई हैं। 1977 में इस सीट पर जब पहली बार चुनाव हुआ तो उस दौरान भारतीय लोकदल के टिकट पर अशोक कृष्ण दत्त सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे थे। 1980 के चुनाव में माकपा के उम्मीदवार निरेन घोष चुने गए थे। 1984 के चुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी और उसके उम्मीदवार आशुतोष लाहा संसद पहुंचे थे।
इसके बाद माकपा के 1989, 1991 और 1996 के लोकसभा चुनावों में माकपा के निर्मल कांति चटर्जी चुनाव जीतते रहे। वहीं 1998 और 1999 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तपन सिकदर चुनाव जीते। 2004 के चुनाव में माकपा के अमिताभ नंदी चुनकर संसद पहुंचे। 2009 में तृणमूल कांग्रेस ने पहली बार इस सीट पर जीत हासिल की और सौगत रॉय सांसद बने थे।
क्या है 2019 का जनादेश?
2019 के लोकसभा चुनाव में दमदम सीट से कुल 12 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर सौगत रॉय पर भरोसा जताते हुए चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि उनके मुकाबले में सीपीएम ने नेपाल देव भट्टाचार्य को अपना उम्मीदवार बनाया था। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से सामिक भट्टाचार्य चुनाव लड़ रहे थे, जबकि कांग्रेस ने इस सीट पर सौरव साहा को अपना उम्मीदवार बनाया थे। वहीं शिवसेना ने इंद्रनिल बनर्जी पर दांव खेला था।
इस सीट से तृणमूल उम्मीदवार सौगत रॉय ने अपनी जीत बरकरार रखी, उन्हें पांच लाख 12 हजार 062 वोट मिले। वहीं भाजपा तीसरे स्थान से दूसरे स्थान पर कब्जा किया, समिक भट्टाचार्य को चार लाख 59 हजार 063 वोट मिले थे। जबकि सीपीआई (एम) प्रत्याशी नेपाल देव भट्टाचार्य एक लाख 67 हजार 59 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। दमदम लोकसभा सीट पर 76.88 फीसदी वोटिंग हुई थी।
अगर आपको स्टोरी पसंद आई हो तो लाइक और फॉलो करें। जुड़े रहें हमारे साथ। धन्यवाद
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।