उमेश तिवारी, हावड़ा : हावड़ा मे विधानसभा चुनाव के खत्म होते ही श्री हनुमान जूट मिल में लटक गया ताला। ऐसा लगा मानो मिल प्रशासन चुनाव ख़त्म होने का ही इंतजार कर रहा था। सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस चस्पा कर मजदूरों के लिए गेट बंद कर दिया गया। मिल में ढाई हजार के लगभग मजदूर बेरोजगार हो गए। लॉकआउट के पीछे क्या कारण है। कहीं ऐसा तो नहीं की लॉकआउट बहुत पहले ही हो जाता लेकिन चुनाव के कारण इसे टाल देना पड़ा था।
आज मजदूर बेरोजगार हो गए हैं उनके सामने जीविका चलाने का कोई साधन नहीं है। अगर देखा जाए तो लगभग 15000 लोग इस लॉकआउट से प्रभावित हुए हैं। लॉकआउट होते ही सभी नेता गायब हो गए। पिछले 2 दिनों से श्रमिक आंदोलन पर उतरे हुए हैं लेकिन किसी भी दल के नेता उनके सामने नहीं आ रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि जाएं तो कहां जाएं।
कोई काम धंधा नहीं है। जब तक पैसा है तब तक पेट चलेगा उसके बाद तो भगवान ही मालिक है। मजदूरों के हालात को जानने के लिए जब हम घुसड़ी स्थित एक मजदूर कॉलोनी में पहुंचे, जहां कुछ मजदूर खाट पर बैठे बातें कर रहे थे तो उन्होंने उपरोक्त बातें बताया।
वहीं दूसरी ओर श्री हनुमान जूट मिल में आई.एन.टी.टी.यू.सी. के नेता आनंद गुप्ता ने मिल के लॉकआउट होने के पीछे मिल प्रशासन का हाथ बताया। उन्होंने कहा कि मिल प्रशासन यूनियन और मजदूरों को अंधेरे में रखकर अचानक नोटिस चस्पा कर लॉकआउट की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में लेबर कमिश्नर से भी बात करेंगे और मिल को खुलवाने के लिए कोशिश करेंगे।
लेकिन भाजपा नेता मिल के बंद होने के पीछे तृणमूल का हाथ बता रहे हैं। इस संबंध में बात की उत्तर हावड़ा के भाजपा उम्मीदवार उमेश राय से। उन्होंने कहा कि मिल को एक षड्यंत्र के तहत बंद किया गया है। ऐसा लगता था मानो वे चुनाव का ही इंतजार कर रहे हैं। चुनाव खत्म और मिल में लॉक आउट कर दिया गया।