खड़गपुर। जंगल महल अंतर्गत पश्चिम मेदिनीपुर जनपद के सालबनी स्थित भारतीय रिजर्व नोट मुद्रण परिसर में संचालित केंद्रीय विद्यालय आरबीएनएम सालबनी ने अपने विद्यार्थियों को नई दिल्ली में शनिवार से आरंभ हुए दो दिवसीय ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया। केंद्रीय विद्यालय सालबनी में प्राचार्य शिव लाल सिंह की अध्यक्षता में छात्रों, शिक्षकों एवम अभिभवकों को लाइव वेबकास्ट दिखाए जाने की विशेष व्यवस्था की गई थी। प्राचार्य शिव लाल सिंह ने कहा कि दो दिवसीय ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ शिक्षाविदों, क्षेत्र के विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं, उद्योग प्रतिनिधियों, शिक्षकों और स्कूलों, उच्च-शिक्षा और कौशल संस्थानों आदि के छात्रों के लिए एक मंच प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया गया।
यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की तीसरी वर्षगांठ हेतु अयोजित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी जी के आगमन से पूर्व दिखाया गया कि मोदी जी ने बाल-वाटिका के बच्चों से मुलाकात की और बच्चे बहुत उत्साहित दिखें। नई शिक्षा नीति के द्वारा मोदी जी का लक्ष्य 2025 में विश्व में भारत की प्रतिभा को दिखाना है। प्रधानमंत्री सदैव देश के युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कौशल के महत्व पर बल देते हुए, अपनी युवा-पीढ़ी को गुणवता पूर्वक शिक्षा प्रदान करने और देश के युवा-मन का अधिकतम उपयोग करने का लक्ष्य रखते हैं।
देश के शिक्षा-मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए बताया मोदी जी का दृष्टिकोण सदैव प्रेरित करने वाला रहा है। आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश की काया पलटने वाली है। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए निपुण भारत और विद्या-प्रवेश की महत्वता पर प्रकाश डाला गया। पीएम मोदी द्वारा बहुभाषी और कौशल आधारित पुस्तकों का विमोचन व लोकार्पण किया गया। देश भर में 41 संस्थानों और 6 भाषा में उच्च शिक्षा का आरंभ किया गया जिससे भाषा सीखने में बाधा न बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वक्तव्य में शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा, शिक्षा ही है जो देश की स्तिथि को बदल सकती है। विद्या के लिए विमर्श और शिक्षा के लिए संवाद आवश्यक है। इस हेतु अखिल भारतीय शिक्षा समागम की महत्वता और बढ़ जाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन वर्ष पूर्ण होने पर सभी को शुभकामनाएं और आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री महोदय द्वारा बताया गया कि शिक्षा के क्षेत्र में इनोवेशन और खेल-खेल में बच्चों काे सिखाना एक मिशन के रूप में है। 10+2 शिक्षा के स्थान पर 5+3+3+4 प्रणाली और देश में शिक्षा के क्षेत्र में एकरूपता लाने पर चर्चा की गई। मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करना विद्यार्थियों के साथ और सामाजिक न्याय है।
आज़ादी के अमृतकाल में आज अंग्रेज़ी न बोल पाने की हीन भावना से मुक्त करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्राथमिकता है समानता, सभी को समान अवसर प्रदान कर शिक्षा देना। पीएम श्रीविद्यालयों के द्वारा देश के हर कोने में शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है।प्रधानमंत्री जी का देश के लिए लक्ष्य है कि वर्ष 2047 में आज़ादी के 100 वर्ष पूर्ण होने तक हमारा देश विकसित हो।कार्यक्रम के उपरांत प्राचार्य शिव लाल सिंह ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य को साकार करने में अपनी भूमिका और सकारात्मक भागीदारी हेतु प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को जलपान भी वितरित किया गया।