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साहित्यकार नलिनी बेरा ने जन्मभूमि में बनाया पुस्तकालय, “भाँगन” पत्रिका प्रकाशित

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : आनंद पुरस्कार विजेता कवयित्री नलिनी बेरा ने जंगल महल स्थित झाड़ग्राम जिले के अपने पैतृक गांव बाछुरख्वाड में पुस्तकालय की स्थापना की। पुस्तकालय का उद्घाटन नयाग्राम के विधायक दुलाल मुर्मू और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया। पुस्तकालय के उद्घाटन समारोह में साहित्यकार नलिनी बेरा और उनकी पत्नी तथा अन्य शुभचिंतकों ने सभी का स्वागत किया I पुस्तकालय का नाम उनकी प्रसिद्ध पुस्तक “सुबर्णरेणु सुवर्णरेखा” के नाम पर रखा गया है।

पुस्तकालय में लगभग हजारों पुस्तकें हैं। इस पुस्तकालय में उपन्यास, कविता पुस्तकें, कहानी पुस्तकें, विभिन्न पत्रिकाएँ के अलावा विद्यार्थियों की आवश्यकता की विभिन्न पुस्तकें रखी गयी हैं। हालांकि यह लाइब्रेरी छोटे पैमाने पर शुरू हुई है, लेकिन नलिनी बेरा ने कहा कि वह इसे बड़ा बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

मौके पर मौजूद अजितेश नाग, फटिक चंद घोष, अनिमेष सिंह, विश्वजीत पाल, सुरेंद्रनाथ हेमब्रम ने बांग्ला और सुवर्णा रेखिक भाषा में लिखी और संग्रहित अपनी किताबें पुस्तकालय के लिए नलिनी बाबू को सौंपी। उपस्थित सभी लोगों को आशा है कि यह पुस्तकालय क्षेत्र में साहित्य साधना एवं विद्यार्थियों के अध्ययन के क्षेत्र में विशेष रूप से सहायक होगा।

Img 20231121 Wa0021इस दिन स्वर्ण रेखिक परिवार की ओर से नलिनी बेरा को विशेष स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा इसी दिन युवा कवि प्रमीश प्रतिम पांजा द्वारा संपादित पत्रिका ‘भाँगन’ का अनावरण एवं पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया गया। पुस्तकालय के उद्घाटन और भाँगन पत्रिका के विमोचन के अवसर पर कवियों, लेखकों और साहित्य-प्रेमी सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक समूह जंगलों और जनजातियों से बसे बाछुरख्वाड गांव में दिखाई दिया।

पुस्तकालय के उद्घाटन के अवसर पर, प्रतिष्ठित व्यक्तियों और स्थानीय बच्चों ने दिलचस्प चर्चा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया। लेखिका नलिनी बेरा, लेखक सूर्या नंदी और लेखक जहरलाल बेरा ने इस दिन भाँगन पत्रिका के कवर का अनावरण किया। इसके अलावा, इस दिन कवि प्रमीश प्रतिम पांजा द्वारा संपादित स्वर्ण रेखीय भाषा में कहानियों का संग्रह ‘सुवर्णधारा’ और स्वर्ण रेखीय भाषा में कविताओं का संग्रह ‘भालोबासी लेखा नाम’ के कवर का अनावरण किया गया।

आज ही के दिन कवि अभिनंदन मुखोपाध्याय को ‘अशोक महंती स्मृति सम्मान-2023’ मिला, साहित्यिक आलोचक नलिनी बेरा और लेखक व संपादक चंदन दास ने लेखक सूर्या नंदी और दिवंगत को ‘शोधकर्ता उपेन पात्र स्मृति सम्मान-2023’ प्रदान किया। उपेनपात्रा के पुत्र राजेश पात्रा समाचार पत्र प्रोमिश के संपादक प्रतिम पांजा ने ब्रेकिंग सेरेमनी में सभी का स्वागत किया। साथ ही “लाकेटू ” अखबार की ओर से संपादक जहरलाल बेरा ने लेखक अजितेश नाग को ‘लाकेटू स्वर्णलता स्मृति सम्मान-2023’ सौंपा।

Img 20231121 Wa0023फटिक चंद घोष, बिपाशा पाणि, दिनेश कर, अनिमेष सिंह, सौकत अली सा, विश्वजीत पाल, शाश्वती खोटिया, रूबी साव, कौशिक बर्मन, मानवेंद्र पात्रा, सुरेंद्र नाथ हेमाराम ने दिन के कार्यक्रम में विभिन्न एपिसोड, कविता पाठ, संगीत में भाग लिया। नृत्य प्रदर्शन एवं चर्चा. , पंक्ति.डे, प्रसाद सिंह, अजितेश नाग, अभिनंदन मुखर्जी, सूर्या नंदी, चंदन दास, उत्पल तलधी, बंशी मोहन प्रतिहार और अन्य उल्लेखनीय लोग शामिल रहे।

कार्यक्रम में विश्वजीत पाल, जयदेव पाणि, नीलकंठ पाणि, राजेश्वरी सारंगी मुखर्जी, सुदीप कुमार खांडा, किशोर कुमार रक्षित, तन्मय बख्शी, नीलकंठ पाणि, सुनील बरन खोटिया, उत्तम किला और अन्य भी उपस्थित थे। वहां झाड़ग्राम साहित्य अड्डा के प्रतिनिधि भी थे। पुस्तकालय के उद्घाटन समारोह को और अधिक मनोरंजक बनाने के लिए मध्याह्न भोज का आयोजन किया गया। इसमें मेहमानों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी शामिल हुए।

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