जलपाईगुड़ी। राज्य के लोगों की विभिन्न मांगों को लेकर वामपंथी नेताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है। वाममोर्चा की राज्य कमेटी के निर्देश पर जलपाईगुड़ी जिला वाममोर्चा ने सात अप्रैल तक केंद्र सरकार की विभिन्न जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन करने का एलान किया है। इस बारे में वाममोर्चा के जिला संयोजक सलिल आचार्य ने प्रेस वार्ता की जहां वाममोर्चा के कई नेता मौजूद थे। मीडिया को संबोधित करते हुए वामपंथी नेताओं ने केंद्र सरकार की तानाशाही और अलोकतांत्रिक कार्य करने का आरोप लगाया।
सलिल आचार्य ने आम लोगों पर घोर अभावों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वामपंथियों के आंदोलन में लोगों की भागीदारी बढ़ रही है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा मिलकर राज्य में अशांति का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल की भ्रष्ट सरकार के विभिन्न नेता और मंत्री इस समय जेल में हैं। उन लोगों ने राज्य की भ्रष्ट सरकार के खिलाफ जिले भर में आंदोलन करने बात कही। वाम पंथी नेताओं ने कहा 7 अप्रैल तक जिले भर के विभिन्न हाटों, बाजारों और जन बहुल इलाके में सभाएं और जुलूस आयोजित किए जायेंगे।
वाममोर्चा के जिला संयोजक सलिल आचार्य ने कहा कि प्रदेश की जनता सरकारी लाभ से वंचित न रहे। 100 दिन के काम के बकाया का भुगतान, आधार और पैन कार्ड को जोड़ने के लिए 1000 रुपये के जुर्माने के सरकारी फतवे को वापस लेने, आलू के 10 रुपये के रियायती मूल्य की मांग, किसानों के लिए आलू भंडारण की गारंटी, कृषि ऋण माफ करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर वाममोर्चा लगातार आंदोलन कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने राहुल गांधी की सांसदी रद्द किये जाने को लेकर केंद्र सरकार की निरंकुश-अलोकतांत्रिक गतिविधियों का भी विरोध किया।