पत्रिका “पुण्यिपुकुर” के नए अंक का लोकार्पण

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर । हिंदू लोक कथाओं के समृद्ध विषयों में से एक को समर्पित विषय पर पत्रिका पुण्यिपुकुर के नए अंक का लोकार्पण हुआ। इसका लोकार्पण सिख गुरु के जन्मदिन और मुस्लिम सुल्तान के पुरातात्विक स्थल पर बिहार के सासाराम से प्रकाशित हुआ। इस वर्ष का विषय मेला, उत्सव, व्रत, पूजा, पर्व पर लघु पत्रिका “पुण्यिपुकुर” (आईएसएसएन नंबर – 2349 7254) का ‘पुण्यपुकुर व्रत’ अंक है।

सिखों के पहले धार्मिक नेता गुरु नानक देव का जन्म आज ही के दिन 1469 में हुआ था। ऐसे यादगार दिन पर मेदिनीपुर क्विज सेंटर सोशल वेलफेयर सोसाइटी के 6 सदस्य मौसम मजूमदार, नरसिंह दास, मणिकंचन रॉय, सूर्यशिखा दास, सोमाशीश दास और भास्करब्रत पति ने संयुक्त रूप से ‘पुण्यपुकुर’ का उद्घाटन किया। सूरी वंश के संस्थापक और ग्रैंड ट्रंक रोड के संस्थापक शेर शाह सूरी की याद में सासाराम में बने मकबरे पर छोटे समारोह में इसकी औपचारिकता पूरी की गई।

शेर शाह सूरी का जन्म 1472 (वैकल्पिक रूप से 1486) में हुआ था। वे सूरी राजवंश के संस्थापक थे। 22 मई 1545 को कालिंजर किले पर कब्जा करने के दौरान बम विस्फोट के कारण उनकी मृत्यु हो गई। इसी सासाराम में प्रसिद्ध वास्तुकार अलीवाल खान ने 1540-1545 के बीच लाल पत्थर से शेर शाह सूरी की याद में एक मकबरा बनवाया था। जो आज भी इतिहास प्रेमियों के लिए समान रूप से आकर्षक है। 1530 – 1540 के बीच शेर शाह सूरी ने सासाराम में अपनी राजधानी की स्थापना की। हालांकि राजधानी दिल्ली में सूरी वंश के अंतिम 5 वर्षों से थी। चटगांव से काबुल तक ग्रांड ट्रंक रोड बनाने का विचार उन्हीं का रहा।

सासाराम के ऐतिहासिक स्थान पर ‘पुण्यिपुकुर’ का उद्घाटन किया गया। इस अंक में डॉ. मिहिर चौधरी कामिल्या, डॉ. शीला बसाक, डॉ. श्यामल बेरा, बिधान विश्वास, भास्करब्रत पति, अघोरनाथ चट्टोपाध्याय, डॉ. रंजीता मित्रा, डॉ. सौगत चटर्जी, आशुतोष मुखर्जी तथा देबाशीष प्रधान आदि की रचनाएं शामिल की गई है। जो पत्रिका के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।

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